सरगुजा में वर्ष 2024 में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा भयावह
अंबिकापुर। वर्ष 2024 में सरगुजा में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा डराने वाला है। सड़क हादसों में मृत्यु दर कम करने के लिए सरगुजा पुलिस की ब्लैक स्पॉट तक नजर रही। संबंधित अधिकारियों के साथ ब्लैक स्पॉट तक का निरीक्षण पुलिस पूर्व में ही कर चुकी है। चालानी कार्रवाई में भी पुलिस कमतर नहीं रही। वाहन चालकों से 3 करोड़ 85 लाख रुपये से अधिक तीन वर्षों में वसूले गए। इन सबके बीच मौत के आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2022 व 2023 के मुकाबले वर्ष 2024 में मृतकों की संख्या बढ़ी है।
बीते वर्ष सरगुजा में शायद ही ऐसा कोई दिन होगा, जब सड़क दुर्घटना की खबर सुर्खियों में ना रही हो। पुलिस ने बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए कुछ ब्लैक स्पॉट भी चिन्हांकित किए हैं। कुछ स्पॉट ब्लैक की कड़ी से दूर हैं, लेकिन यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। अंबिकापुर-उदयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग इसमें प्रमुख है। जिले में वर्ष 2022 से 2024 के बीच 1502 सड़क हादसे हुए, इसमें 883 लोगों की मौत हुई, 1164 घायल हुए। वर्षवार आंकड़ों पर नजर डालें तो 2022 में 400 सड़क दुर्घटनाएं हुई, इसमें 224 की मौत और 321 घायल हुए। 2023 में सड़क हादसे में बढ़ोतरी के कारण आंकड़ा 400 को पार करके 487 में पहुंच गया। इनमें 293 की मौत हुई, वहीं 355 घायल हुए। 2024 में सड़क दुर्घटनाओं के साथ मौतों की तीव्रता और बढ़ गई, 615 सड़क हादसे में 366 लोगों की मौत और 488 घायल हुए। हादसों के बढ़ते कहर को रोकने के लिए पुलिस ने तीन वर्षों में कार्रवाई काफी की, हर वर्ष कार्रवाई की गति तेज भी हुई। इसके परिणाम स्वरूप वर्ष 2022 में 12295 प्रकरण दर्ज किए गए और 44 लाख 83 हजार 650 रुपये समंस शुल्क की वसूली वाहन चालकों से की गई। 2023 में कार्रवाई की रफ्तार बढ़ी और 23 हजार 127 प्रकरण दर्ज करके 01 करोड़ 41 लाख 3650 रुपये वाहन चालकों से वसूल किया गया। वर्ष 2024 में जिले की पुलिस ने इसका भी रिकार्ड तोड़ दिया और 32 हजार 348 प्रकरण दर्ज करके वाहन चालकों से 02 करोड़ 36 लाख 4300 रुपये वसूल कर शासन के कोष में जमा किया।
ऐसे मामलों पर पुलिस रही सख्त
सरगुजा रेंज के आईजी व पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में सरगुजा पुलिस ने ओव्हर लोड के 08 प्रकरण दर्ज करके एक लाख 40 हजार 500 रुपये समन शुल्क वसूला। इसके अलावा बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चालन करने के 135 प्रकरणों में 01 लाख 35 हजार रुपये, मालवाहनों पर यात्री परिवहन के 218 मामलों में 65 हजार 400 रुपये, बिना फिटनेस के वाहन चालन के 07 मामले में 5400 रुपये, वायु प्रदूषण के 100 मामलों में 01 लाख 100 रुपये, नो पार्किंग के 1959 मामले में 08 लाख 28 हजार 550 रुपये, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने पर 09 लाख 82 हजार 300 रुपये, मॉडिफाइड साइलेंसर के 102 मामले में 03 लाख 23 हजार रुपये, बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर 187 वाहन चालकों से 94 हजार रुपये, दो पहिया वाहन में तीन सवारी के 2003 मामलों में 10 लाख 01 हजार 500 रुपये समन शुल्क वसूला गया।
बयान
सड़क दुर्घटना रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। लोगों को जागरूक करने के साथ ही कार्रवाई भी की जा रही है। हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने में लोग कोताही बरतते हैं। नशे में वाहन चलाना भी हादसे की बड़ी वजह है। दुर्घटनाओं के कई कारण हैं। हमारा प्रयास है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जाए, इनमें होने वाले मृत्यु दर में भी कमी लाई जाए, इसके लिए जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। स्कूलों में जाकर भी बच्चों को यातायात के अलावा अन्य साइबर, सामाजिक अपराधों से सजग किया जा रहा है।
अमोलक सिंह ढिल्लो, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरगुजा

Spread the love