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सूरजपुर। सर्व पिछड़ा वर्ग महासभा के बैनर तले सोमवार को यहां जिला मुख्यालय में रैली व धरना प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ पंचायत राज अध्यादेश 2024 के तहत् मूल अधिनियम की धारा 129 (ड) में हुए संशोधन को निरस्त करते हुए पूर्व प्रावधान को यथावत रखे जाने की मांग की गई। ततपश्चात राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौपा गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार धरना प्रदर्शन से पहले पिछड़ा वर्ग महासभा के बैनर तले बड़ी संख्या में पिछड़ा वर्ग समाज के लोगो द्वारा शहर के सभी मुख्य मार्गो से भव्य रैली निकाली गई जो यहां अग्रसेन चौक के समीप धरना स्थल पहुंचा। जहां धरना प्रदर्शन के साथ आमसभा भी आयोजित हुई। इस दौरान मौजूद समाज प्रमुखों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छ.ग. पंचायत राज अधिनियम में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण संबंधी संशोधन किये जाने के कारण सूरजपुर जिला सहित अनुसूचित क्षेत्रों सरगुजा एवं बस्तर संभाग के सभी जिलों में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य हो गया है। जिसके विरोध में सर्व पिछड़ा वर्ग महासभा द्वारा रैली, धरना, प्रदर्शन एवं आमसभा आयोजित कर विरोध प्रदर्शन करते हुए सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के कल्याण हेतु ध्यानाकर्षण कराया।

जिसमें छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 129 (ङ) की उपधारा (03) में यह प्रावधान था कि “अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत में अन्य पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों के लिए ऐसी संख्या में स्थान आरक्षित किये जायेंगे जो अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जन जातियों, यदि कोई हों के लिए आरक्षित स्थानों के साथ मिलकर उस पंचायत के समस्त स्थानों के तीन चौथाई स्थानों से अधिक नहीं होंगे।
किसी ग्राम पंचायत में जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के लिए 50 प्रतिशत से अधिक स्थान आरक्षित किये गये हैं. वहां अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं होगा। वहीं सूरजपुर जिला सहित संपूर्ण सरगुजा संभाग पांचवी अनुसूची में सम्मिलित क्षेत्र है. जिसके कारण त्रि-स्तरीय पंचायतों में सरपंच एवं अध्यक्ष का पद 100 प्रतिशत अनुसूचित जन जाति हेतु आरक्षित है तथा त्रिस्तीय पंचायतों में पंच, जनपद सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य पद हेतु भी कम से कम 50 प्रतिशत पद अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित किये जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त जनसंख्या के अनुपात में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के लिए 50 प्रतिशत से अधिक भी स्थान आरक्षित किये जाने का प्रावधान है। सूरजपुर सहित सरगुजा संभाग में 50 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जन जाति वर्ग के लिए स्वतः ही आरक्षित हो जाते हैं, जिसके कारण वर्तमान में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम में संशोधित प्रावधान के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग को एक भी स्थान प्राप्त नहीं हो सकेंगा। जबकि जिला सूरजपुर सहित सरगुजा संभाग में अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 50 प्रतिशत से भी अधिक है। वर्तमान में हुए छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के उपर्युक्त प्रावधान से जिला सूरजपुर सहित सरगुजा संभाग में निवासरत अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ अन्याय एवं संवैधानिक मौलिक अधिकारों का व्यापक हनन हो रहा है. जो कि न्यायोचित नहीं है। इन सब पर ध्यानाकर्षण कराते हुए छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के वर्तमान संशोधित प्रावधानों को निरस्त कर पूर्व प्रावधानों को यथावत रखे जाने हेतु समुचित कार्यवाही किये जाने की मांग की गई है। धरना प्रदर्शन में रमेश यदु प्रदेशाध्यक्ष छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासंघ, पूर्व विधायक पारस नाथ राजवाड़े, नरेश राजवाड़े महामंत्री छत्तीसगढ़िया सर्व समाज, मनीष कुमार साहू संभागाध्यक्ष ओ.बी.सी. महासभा,शिवशंकर गोयन, तोयात्मा राजवाड़े, जोखन लाल साहू, कंचन प्रसाद सोनी,संलित कुशवाहा, हलधर प्रसाद गुप्ता,
गौतम गुप्ता, अरुण कुमार राजवाड़े, भगवती राजवाड़े, रिमाशंकर यादव,भागवत प्रसाद प्रजापति, ईजराइल खान,
सुखलाल यादव,बसंत लाल ठाकुर सहित पिछड़ा वर्ग समाज के सभी प्रमुख शामिल रहे।

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