आईजी की उपस्थिति में 05 दिवसीय रेंज स्तरीय फिंगर प्रिंट कार्यशाला का समापन
अंबिकापुर। पुलिस महानिरीक्षक की उपस्थिति में पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के 05 दिवसीय रेंज स्तरीय फिंगर प्रिंट कार्यशाला का समापन किया गया। फिंगर प्रिंट विशेषज्ञों की देखरेख में पुलिस अधिकारी-कर्मचारी नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम की बारिकियों से अवगत हुए। आरोपियों की दोष सिद्धि हेतु फिंगर प्रिंट को महत्वपूर्ण एवं वैज्ञानिक साक्ष्य होना बताकर तकनीकि रूप से प्रिजर्व करने के निर्देश दिए गए। प्रशिक्षण प्राप्त करने आए अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यशाला के समापन कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल की भी उपस्थिति रही।
पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अंकित गर्ग ने प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी महीने से नवीन कानून को रेंज सहित सभी जिले में लागू किया जाना है। उक्त कानूनों के परिपालन में 7 वर्ष के ऊपर के सजा के प्रत्येक प्रकरणों में घटनास्थल का एफएसएल टीम द्वारा निरीक्षण सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा नए कानूनों के क्रियान्वयन हेतु पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों का प्राथमिक स्तर पर घटनास्थल में वैज्ञानिक साक्ष्य को एकत्रित करने एवं एफएसएल टीम के पहुंचने तक उक्त साक्ष्य को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण योगदान होगा। पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों कों फिंगर प्रिंट दर्ज करने का ज्ञान होना आवश्यक है, इसी तारतम्य में पुलिस मुख्यालय रायपुर के निर्देशानुसार 05 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर फिंगर प्रिंट के तकनीकि एवं वैज्ञानिक पहलू की जानकारी दी गई है। आप सभी प्रशिक्षण में दी गई जानकारी को सीखकर प्रकरणों के निराकरण में वैज्ञानिक पहलुओं को समाहित कर आरोपियों के दोष सिद्धि में अपना योगदान देंगे। पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि 05 दिवसीय फिंगरप्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला से पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को घटनास्थल से वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित करने का प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है। घटनास्थल से प्राप्त वैज्ञानिक साक्ष्य फिंगर प्रिंट दर्ज करते समय कई सावधानियों का ध्यान रखना पड़ता है, जिससे संबंधित व्यक्ति की उपस्थिति घटनास्थल पर होना माना जाता है। फिंगर प्रिंट साक्ष्य को न्यायालय के समक्ष वैज्ञानिक साक्ष्य के रूप में प्रकरण में शामिल किया जाता है, इसकी स्वीकारोक्ति शत-प्रतिशत मानी जाती है। आप सभी समय-समय पर अपने जिलों में फिंगर प्रिंट दर्ज करने का अभ्यास करते रहें और नवीन कानून के क्रियान्वयन की दिशा में अपना योगदान दें। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लो, फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ लिनुस किस्पोट्टा, रक्षित निरीक्षक तृप्ति सिंह राजपूत, मास्टर ट्रेनर धर्मेंद्र भारती, कमलेश्वर सिंह उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यशाला समाप्त होने पश्चात सभी पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला में रेंज स्तर पर लगभग 200 पुलिस अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।