एक आरोपी गिरफ्तार, दो आरोपियों का हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत किया है खारिज
अंबिकापुर। राजस्व मंडल बिलासपुर के आदेश में कूटरचना करके जमीन फर्जीवाड़ा करने के मामले में जांच के बाद दोषियों के विरूद्ध कलेक्टर ने एफआईआर के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के आदेश के बाद तहसीलदार ने अंबिकापुर कोतवाली थाना व बतौली थाना में 10 एफआईआर दर्ज कराया था, जिसमें 70 लोगों को आरोपी बनाया गया है। एफआईआर के लगभग 3 माह बाद, 23 दिसंबर को एकमात्र आरोपी पुलिस के हाथ लगा है, शेष आरोपियों की गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है। मामले के दो आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन लगाया था, जिसे खारिज कर दिया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लो ने बताया कि मोहम्मद फारूक कोतवाली थाना क्षेत्र के नवागढ़ का रहने वाला है। इनके द्वारा राजस्व मंडल बिलासपुर के दो आदेश में कूटरचना करके जमीन का फर्जीवाड़ा किया गया था। मामला सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर के संज्ञान में आने पर उन्होंने इसकी जांच कराई थी। जांच में राजस्व मंडल के आदेश में कूटरचना करना पाया गया। कलेक्टर ने मो. फारूक के खिलाफ तहसीलदार को रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया था। तहसीलदार ने आदेश के पालन में कोतवाली थाना में राजस्व मंडल के आदेश में कूटरचना कर जमीन फर्जीवाड़ा करने का मामले में 6 सितंबर 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध धारा 318(4), 338, 336(3), 340 (2) के तहत दो प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया था। कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के लगभग तीन बाह बाद आरोपी फारूक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को जेल दाखिल कर दिया है। प्रार्थी से प्रकरण से संबंधित मूल दस्तावेज व वाद प्रकरण में राजस्व मंडल बिलासपुर का कूटरचित दस्तावेज भी जप्त किया गया है। कार्रवाई में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष सिंह परिहार, उप निरीक्षक सम्पत पोटाई व रम्भा साहू, सहायक उप निरीक्षक संदीप सिंह, महिला प्रधान आरक्षक राधा यादव, प्रधान आरक्षक शत्रुधन सिंह, अमित प्रताप सिंह, रजनीकांत मिश्रा, आरक्षक शिव राजवाड़े, मंटू गुप्ता, विवेक राय, रमन मण्डल, विकास केरकेट्टा, श्याम पैकरा, प्रवीण खलखो, धनकेश्वर पैकरा, महिला आरक्षक सरस्वती सिंह, पूनम पैकरा, कौशल्या राजवाड़े, शांति लकड़ा शामिल रहे।
दस्तावेजी कूटरचना का यह है मामला
राजस्व मण्डल के प्रकरण में पक्षकार मो.फारुख आ. अब्दुल रसीद निवासी अंबिकापुर, प्रति भगतु राम, आवेदित भूमि ग्राम मानिकप्रकाशपुर तहसील अंबिकापुर, खसरा क्रमांक 188/3 रकबा 0.052 हेक्टेयर, आदेश दिनांक 01.09.20 में राजस्व मण्डल छत्तीसगढ़ बिलासपुर के आदेश से संबंधित दस्तावेज संदेहास्पद प्रतीत होने के मामले में पारित आदेश से संबंधित दस्तावेज की जांच की गई। इस दौरान सामने आया कि आवेदक द्वारा राजस्व मण्डल बिलासपुर छत्तीसगढ़ के पारित आदेश में कूटरचना करके अपने ह$क में आदेश पारित कराया गया है। रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) बीएनएस. का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। राजस्व मंडल बिलासपुर के आदेश में कूटरचना करके कई लोगों ने आदेश को अपने हक में पारित करा लिया था, यह मामला सामने आने पर हरकत में आए कलेक्टर ने राजस्व मंडल से संबंधित आदेशों का बारीकी से अवलोकन करने के निर्देश तहसीलदारों को दिए थे। इसके बाद एक-एक करके किए गए फर्जीवाड़ा की पोल खुलने लगी और 70 लोगों के विरूद्ध कोतवाली व बतौली थाना में प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
इनकी अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज
राजस्व मंडल के कूटरचित आदेशों से जमीन फर्जीवाड़ा के मामले में राजपुर निवासी अशोक अग्रवाल व प्रेमनगर निवासी घनश्याम अग्रवाल ने अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय बिलासपुर में आवेदन लगाया था। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने दोनों आरोपियों के अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। दोनों के खिलाफ कोतवाली थाना अंबिकापुर में रिपोर्ट दर्ज है। ये गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत से संबंधित याचिका लगाए थे।
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थाना प्रभारियों की कार्यप्रणाली पर लगा प्रश्नचिन्ह
फोटो आलोक दुबे
राजस्व मंडल के आदेशों में कूटरचना के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने और इन्हें जमानत का लाभ लेने के लिए अवसर प्रदान करने जैसे मामले में भाजपा नेता व पार्षद आलोक दुबे ने कोतवाली प्रभारी अंबिकापुर और बतौली थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में लिया है। उन्होंने कहा है कि दोनों थानों में दर्ज मामलों में अपराधियों का गिरफ्तार नहीं होना जांच का विषय है।

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