बिहार जा रहे ट्रक के चालक से चालान के नाम पर 70 हजार नगद की मांग
अंबिकापुर। आरटीओ उड़नदस्ता के कर्मचारियों की मनमानी किसी से छिपी नहीं है। कहीं भी वाहन खड़ी करके यह दस्ता वाहन चालकों से कागजातों की जांच के नाम पर भयादोहन करने में पीछे नहीं रहता है। इससे बदनामी आरटीओ की होती है। कई बार इनकी ऐसी हरकतें सामने आ चुकी है पर बेलगाम लोगों पर आज पर्यन्त ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है, जिस कारण इनके हौसले बुलन्द हैं। ऐसे ही एक मामले में खुद को आरटीओ बताने वालों ने एक ट्रक चालक से लोड सामान का बिल्टी लेकर निकल लिए। परेशान ट्रक चालक ने पुलिस से मदद मांगी पर पुलिस भी उसे टरका दी, जिससे हताश, परेशान ट्रक का चालक ठगा सा रह गया। इसके द्वारा मामले की शिकायत थाने में करने की बात कही जा रही है। ट्रक चालक का कहना है कि सुमो वाहन में सवार चार लोगों के द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया।
जानकारी के मुताबिक बिहार निवासी ट्रक चालक सुजीत कुमार रायपुर से ट्रक में लकड़ी लेकर बिहार जाने निकला था। दिन में लगभग सुबह 11 बजे अंबिकापुर पहुंचने पर बिलासपुर चौक के पास सुमो सवारों ने ट्रक को रूकवाया और खुद को आरटीओ का कर्मचारी बताते हुए उनसे कागजात की मांग की। सुजीत के अनुसार चार लोगों में से दो वर्दी में थे, इन्हें देखकर वह बिल्टी का कागज दे दिया। कागजात देखने के बाद तथाकथित आरटीओ के कर्मचारियों द्वारा उसे कागजातों में गड़बड़ी बताते हुए 70 हजार रुपये का चालान देने के लिए कहा गया। इस पर ट्रक चालक ने उनसे पूछा कि किस चीज का चालान है तो वे कागजात में कमी है, कहते हुए वास्तविक कमी को नहीं बताए और चालान भरने के लिए दबाव बनाने लगे। चालक ने ऑनलाइन चालान काटने के लिए कहा तो वे नगद में चालान की राशि देने के लिए कहने लगे। चालक ने पैसे नहीं होने और ऑनलाइन चालन के लिए दुबारा कहा तो सुमो सवार ट्रक चालक से लिए हुए बिल्टी के कागजात को लेकर अपनी गाड़ी में बैठ गए और वहां से जाने लगे। चालक जब बिल्टी के कागजात को मांगा तो सुमो सवारों ने उसे पीछे-पीछे आने के लिए कहा। कुछ दूर तो ट्रक चालक उनके पीछे-पीछे गया, इसके बाद सुमो सवार अपने वाहन को तेज रफ्तार में चलाते हुए उसकी आंखों से ओझल हो गए। ट्रक चालक ने रास्ता भटक जाने अथवा लोड वाहन के कहीं फंस जाने के भय से वाहन को मुख्य मार्ग में ही किनारे खड़ा कर दिया और सूमो सवारों के वापस आने की प्रतीक्षा करने लगा, परन्तु शाम को 4 बजे तक कोई भी उसकी खोज-खबर लेने नहीं आया। परेशान ट्रक चालक ने पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया परन्तु पुलिस से भी उसे कोई खास मदद नहीं मिली। मणिपुर थाने के कर्मचारी ट्रक चालक के पास पहुंचे लेकिन उन्होंने सुमो सवारों को आरटीओ का ही कर्मचारी बताते हुए आरटीओ की उड़नदस्ता टीम से संपर्क करने कहा। पुलिस टीम का आरटीओ से भी संपर्क नहीं हो पा रहा था। इस संबंध में आरटीओ विनय सोनी को फोन करके उनसे जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने भी फोन रिसीव नहीं किया।

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