मृत्यु के बाद पहुंचे स्वजनों को शव सुपुर्द की पुलिस
अंबिकापुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगभग छह माह से लावारिस हाल में भर्ती होकर इलाज करा रही बुजुर्ग महिला की अंतत: मौत हो गई। इसकी सूचना अस्पताल के पुलिस सहायता केंद्र में दी गई थी, जिस पर पुलिस मृतिका के स्वजनों के तलाश में जुटी। स्वजन आए लेकिन वे पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार नहीं थे। इनका यह भी कहना था कि शव का पुलिस ही अंतिम संस्कार करा दे। ऐसे में पुलिस के समक्ष पशोपेश की स्थिति बन गई। इन्हें जाते देखकर पुलिस ने समझाइश दी, तब कहीं लिखापढ़ी की अग्रिम कार्रवाई हो पाई। बाद में स्वजन अंबिकापुर में ही वृद्धा का अंतिम संस्कार करके रवाना हो गए।
जानकारी के मुताबिक जानकी देवी 78 वर्ष कई वर्ष से जोड़ापीपल में किराए के मकान में अपने पति के साथ रहती थी। संतान नहीं होने के कारण वह पति की मौत के बाद अकेले ही समय काट रही थी। पास-पड़ोस के लोग ही उनके दुख-सुख के साथी थे। बीते 4 जुलाई को जानकी देवी बाथरूम में गिरकर चोटिल हो गई थी। इसके बाद आसपास के लोगों ने मानवता का परिचय देते हुए वृद्ध महिला को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करा दिया था, लेकिन परिवार का कोई भी सदस्य इनकी खोज-खबर लेने के लिए नहीं आया। ऐसे में अस्पताल के स्टाफ ही वृद्ध महिला का हरसंभव ध्यान रखते और समय-समय पर उसे भोजन भी कराते थे। लम्बे समय से अस्पताल में भर्ती महिला इलाज के दौरान दम तोड़ दी। इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी, जिस पर पुलिस ने शव को मर्च्युरी में रखवाया था और मृतिका के संबंधियों का पता लगा रही थी। स्थानीय लोगों के सहयोग से पुलिस जमशेदपुर टाटा में रहने वाले इनके संबंधियों को महिला के मौत की सूचना दी गई। अस्पताल पहुंचे संबंधियों के मृतिका के शव को पहचाना, लेकिन पोस्टमार्टम के नाम पर टालमटोल करने लगे। पुलिस ने इन्हें अग्रिम कार्रवाई में सहयोग करने के लिए कहा तो वे माने और मृतिका के शव को अपनी सुपुर्दगी में लेने के बाद अंबिकापुर के शंकरघाट स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया।