अंबिकापुर। सरगुजा संभाग में कड़ाके की ठंड के साथ शीतलहर जैसी स्थिति होने के कारण लोग दिन में भी कंपकंपा रहे हैं। अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री के बीच बना हुआ है। वहीं मैनपाट व सामरी पाट का तापमान 2 डिग्री से भी नीचे पहुंच चुका है। शीतलहर के कारण बच्चों के सेहत पर भी असर पड़ना शुरू हो गया है। मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर माह में इससे पहले वर्ष 2011 में करीब इतनी ही ठंड पड़ी थी। 13 वर्ष बाद अंबिकापुर में दिसंबर के पूर्वार्द्ध में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री के नीचे पहुंचा है। प्रदेश में सबसे अधिक ठंड बलरामपुर में पड़ रही है। शनिवार को यहां का तापमान गिरकर 2.4 डिग्री पहुंच गया था। वहीं अंबिकापुर का तापमान 3.7 डिग्री पहुंच गया था। रविवार की बात करें तो इन दोनों जगहों पर तापमान में मामूली वृद्धि हुई है। इससे ठंड में कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा है। रविवार की रात का अंबिकापुर का तापमान 4 डिग्री दर्ज किया गया है। सरगुजा जिले के मैनपाट व बलरामपुर के सामरीपाट, सीतारामपुर पाट, लहसुनपाट व पवई पाट इलाके का पारा 2 डिग्री से नीचे चला गया है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग घरों में ही दुबके रह रहे हैं। अत्यधिक ठंड की वजह से वहां का पारा जमाव बिंदु तक पहुंच गया है। इन इलाकों में पाला पड़ने से सुबह-सुबह पुआल पर पाला जम रहा है। वहीं पेड़-पौधों की पत्तियों पर ओस की बूंदें भी जमने लगी हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेके रेलवानी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से ठंड के कारण बच्चों में सर्दी-खांसी व बुखार के साथ विंटर डायरिया की पीड़ा बढ़ रही है। बच्चों को सुबह स्कूल जाने के कारण जल्द उठना पड़ता है। हालांकि शासन द्वारा ठंड को देखते हुए समय में परिवर्तन किया गय है, पर बच्चे शीतलहर की चपेट में आ रहे हैं। डॉ. रेलवानी ने लोगों से अपील की है कि छोटे बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़ों के साथ-साथ उन्हें गर्म भोजन और गुनगुना पानी पीने के लिए अवश्य दें।