वन व विद्युत विभाग से खफा ग्रामीणों ने शव को अटल चौक में रखकर किया प्रदर्शन
जरही। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनगरा में दंतैल हाथी के हमले में ग्रामीण की जान चली गई। मौके का नजारा देखकर ग्रामीण हतप्रभ रह गए। मृतक केंवरिहापारा सारसताल स्थित स्वयं के मकान से सायं 8 बजे अपने दूसरे घर की ओर जा रहा था। पीछे से आ रहे थे दंतैल हाथी ने अंधकार का फायदा उठाते हुए फूलसाय राजवाड़े पिता हीरामन राजवाड़े 57 वर्ष को पटक-पटक कर मार डाला और लगभग 200 मीटर तक घसीटते ले गया। ग्रामीण का शव कई टुकड़ों में बिखर गया, सिर और धड़ अलग-अलग स्थानों पर क्षत-विक्षत हाल में मिले। सूचना मिलने पर रात को 9 बजे मृतक का शव लेने रेंजर उत्तम मिश्रा अपने स्टाफ के साथ पहुंचे, जिन्हें ग्रामीणों ने भगा दिया। सुबह 7 बजे एकत्र ग्रामीणों ने कर्मचारियों और रेंजर से शव के क्षत-विक्षत अंश को उठवाया।
ग्रामीण वन विभाग व विद्युत विभाग के जिम्मेदारों के द्वारा फोन नहीं उठाने से खफा थे। रेंजर भी ग्रामीणों का फोन नहीं उठाया, जिससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने मृतक के शरीर को बनारस रोड के अटल चौक में रख दिया, जिससे चक्काजाम की स्थिति एक घंटे तक बनी रही। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि हाथी के आने की जानकारी उन्हें नहीं थी और ना ही किसी प्रकार की मुनादी कराई गई थी, जिस कारण यह घटना हुई। ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद वन विभाग का अमला रात को ही शव को बिना स्वजनों को जानकारी दिए पिकअप वाहन में उठाकर ले जाने की तैयारी में था, जिसका विरोध स्वजनों ने ग्रामीणों के साथ किया।
बिजली नहीं काटने की बात पर बनी सहमति
चक्काजाम के दौरान मौके पर पहुंची नायब तहसीलदार सरिता राजवाड़े द्वारा विद्युत कटौती नहीं होने का आश्वासन दिया गया। उन्होंने कहा वे स्वयं विभाग से बात करेंगी, आगे इस तरह की समस्या नहीं होगी। उन्होंने जनता से चक्काजाम को खत्म करने का आग्रह किया। पुलिस अनुविभागीय अधिकारी रितेश चौधरी के मौजूदगी में बिजली नहीं काटने पर सहमति बनी, इसके बाद चक्काजाम स्थगित किया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि विद्युत विभाग हाथी के आने पर सप्लाई रोक देता है, यदि बिजली चालू रहता तो हाथी को देखकर मृतक इधर-उधर भागकर छिप जाता, तो उसकी जान बच सकती थी।
सीसीएफ के आदेश का कर रहे पालन
विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वन विभाग द्वारा हाथी के आने-जाने की जानकारी देने पर ही विद्युत सप्लाई रोकी जाती है। मुख्य वन संरक्षक का आदेश है कि जहां हाथी है वहां का विद्युत सप्लाई रोक दिया जाए। वन विभाग यदि टीम बनाकर हाथी को भगाना चाहे तो भगा सकती है, परंतु बहुत कुछ आला अधिकारियों के ऊपर निर्भर करता है। इससे पहले पुराने अधिकारी रेंज स्तर पर टीम बनाकर हाथियों को भगा चुके हैं। इस संबंध में एसडीओ आशुतोष भगत से सवाल करने पर उन्होंने डीएफओ सूरजपुर का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
हाथियों की सूचना पहुंचाने वाला तंत्र फेल-डॉ. प्रेमसाय
पूर्व विधायक एवं मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इस शासन में ग्रामीणों तक हाथियों की सूचना पहुंचाने वाले तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। अच्छी-खासी राशि सूचना तंत्र पर विभाग द्वारा खर्च किया जाता है, लेकिन उसका किसी प्रकार का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है और हाथियों के पहुंचने की जानकारी के अभाव में लोग अपनी जान गवां रहे हैं।