करोड़ों की चपत के मामले में गांधीनगर पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने से कतराते रही, आवेदक ने उच्चाधिकारियों तक मामला पहुंचाया
अंबिकापुर। यू-ट्यूब और इंस्ट्राग्राम के माध्यम से शेयर मार्केट के नाम करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के शिकायत को थाना गांधीनगर द्वारा स्वीकार नहीं करने से क्षुब्ध एक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय व कलेक्टर के जनदर्शन में पहुंच कर आवेदन सौंपा। इसमें उल्लेख है कि सूरजपुर के संजीत अग्रवाल व परिवार के अन्य सदस्य जनवरी 2024 में एमजी रोड में स्टेट बैंक के छत में शुभ निवेश स्टॉक मार्केट एकेडमी स्टॉक सैल्यूशन, के नाम पर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग सिखाने और निवेश के नाम पर कार्यालय का शुभारंभ किए और फेसबुक, इंस्ट्राग्राम में रील बनाकर तथा ऑटो रिक्शा और प्रोजेक्टर होर्डिंग के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार करने लगे। इनके विज्ञापन और सोशल मीडिया के रील्स से काफी लोग प्रभावित हुए और इनके झांसे में आ गए। करोड़ों रुपये लेने के बाद इन्होंने अपना कार्यालय भी बंद कर दिया और निवेशकों का फोन रिसीव करना भी छोड़ दिया।
केदारपुर, प्रेमनगर निवासी भोला प्रसाद कुर्रे ने आवेदन के माध्यम से बताया है कि इनके रील्स और प्रचार-प्रसार से प्रभावित होकर वह इनके एमजी रोड़ स्थित ऑफिस में आया। यहां 40 दिन का कोर्स दो बैच में 15-15 हजार रुपये लेकर शेयर ट्रेडिंग सिखाने के नाम पर चलाया जा रहा था। संजीत अग्रवाल के द्वारा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म में अपने ऑफिस का पता और विडियो, रील्स लगातार डाला जा रहा था, जिसमें शेयर मार्केट में पैसा लगाकर रातों-रात करोड़पति बनने का प्रलोभन दिया जा रहा था। यही नहीं स्वयं और अपने घरवालों का पैसा लगाकर करोड़ों रुपये कमाने की बातें प्रचारित की जा रही थी। संजीत अग्रवाल ने उसे भी ट्रेडिंग कारोबार के प्रचार-प्रसार के बारे में बताया और अंबिकापुर के ऑफिस में ले गया। यहां 10-12 स्टाफ काम करते हुए मिले। आवेदक का कहना है कि पूरे ऑफिस का मैनेजमेंट संजीत अग्रवाल, उसकी पत्नि, साला, भाई, देख रहे थे। संजीत के पिता भी ऑफिस में थे। उसे बताया गया कि हम लोगों का खानदानी शेयर ट्रेडिंग का काम सूरजपुर में चलता है, उन्होंने सूरजपुर में कई लोगों को करोड़पति बना दिया है। काम के हिसाब से सूरजपुर छोटा है, इसलिए अंबिकापुर में कारोबार फैलाए हैं। ऑफिस के तामझाम को देखकर वह इनके झांसे में आ गया। यहां देव कुमार कुर्रे नामक व्यक्ति भरोसा दिलाया कि इनके कंपनी के नाम से पैसा निवेश करने पर 10 प्रतिशत गांरटेड मुनाफा हर माह मिलेगा और पूंजी भी यथावत रहेगा। इसी झांसे में आकर वह अपने परिचितों, रिश्तेदारों सहित बैंक से लोन में रकम लेकर अपने भारतीय स्टेट बैंक की शाखा सुभाषनगर के खाता से संजीत कुमार अग्रवाल के आईसीआईसीआई बैंक शाखा सूरजपुर के खाता में 24.01.2024 से 02.07.2024 के बीच बैंक खाता से तथा नगद राशि मिलाकर कुल 3 करोड़ 12 लाख रुपये दे दिया। संजीत अग्रवाल और उसकी पत्नि, साला, भाई, पिता मुझे शेयर मार्केट के ट्रेडिंग में गारटेड मुनाफा दिलाने का झांसा देकर मेरे परिचित पण्डो से 95 लाख रुपये, गुलाब चन्द गढ़ेवाल से 90.92 लाख रुपये, अनिता निकुंज से 10 लाख रुपये, मंगल साय से 12 लाख रुपये, अनामिका भगत से 5 लाख रुपये, वंश बहादुर से 21 लाख रुपये, टिवन राजवाड़े से 10 लाख रुपये, उमेश सारथी से 1 लाख रुपये, अरविन्द निकुंज से 5 लाख रुपये, राधेश्याम किरण से 9 लाख रुपये, लीलावती से 10 लाख रुपये, मनीषा एक्का से 5 लाख रुपये, साहेस राम से 12.33 लाख रुपये, रेवती राम से 6.60 लाख रुपये, श्रीमती मीरा सिंह से 13.59 लाख रुपये, गेंदा राम से 7.50 लाख रुपये, आभा कुजूर से 35.72 लाख रुपये, राजेन्द्र टोप्पो से 3.86 लाख रुपये प्राप्त कर लिया। शुरू के कुछ दिनों दिनों में भरोसा जमाने के लिए इन्होंने आवेदक को बैंक खाता के माध्यम से शेयर ट्रेडिंग के मुनाफा का कुछ रुपये भुगतान किया और उसके परिचितों को मुनाफा के रकम चेक दिया गया, जो बाउंस हो गया है। रकम वापसी के लिए दबाव बनाने पर 28.06.2024 को संजीत अग्रवाल एक एग्रीमेंट पेपर लिखकर दिया कि वह 3 करोड़ 12 लाख रुपये अपने फर्म में निवेश कराया है, जिससे 60 लाख रुपये माह लाभांस देगा। इसके बाद सभी जुलाई माह में अपना ऑफिस बंद करके फरार हो गए। अब इनके द्वारा फोन भी रिसीव नहीं किया जा रहा है। खोजबीन के दौरान सूरजपुर में इनके बारे में पता चला कि अंबिकापुर में कार्यालय खोलकर इन्होंने सूरजपुर में ठगी किए गए करोड़ों रुपये का कर्ज चुकाया है। सूरजपुर में करोड़ो रुपये का जमीन खरीदने और स्टील फेब्रीकेशन का 2 नया फैक्ट्री लगाने के साथ पुराने फैक्ट्री को चालू करने की जानकारी मिली। इसके अलावा संजीत अग्रवाल के साला योगेश गुप्ता के नाम पर चाम्पा में रकम खर्च करना बताया गया। शिकायतकर्ता ने बताया है कि 18 सितम्बर 2024 को लिखित में थाना गांधीनगर में शिकायत देने पर थाना प्रभारी द्वारा बड़ा मामला होने की बात कहकर शिकायत पत्र लेने से इंकार कर दिया गया। मामले की रिपोर्ट दर्ज करते हुए निवेशकों का करोड़ों रुपये वापस कराने का आग्रह किया गया है।