बिश्रामपुर। बिजली संयंत्रों से निकलने वाले राखड़ को खपाने के उद्देश्य से लगभग 3-4 वर्ष पूर्व सरकार द्वारा बनाए गए योजना के तहत अब बंद हो चुकी खदानों में राख भराई का कार्य क्षेत्र की खदानों में शुरू किया गया है।बताया जा रहा है कि प्रथम चरण में क्षेत्र के बंद हो चुके बिश्रामपुर ओसीएम खदान के असुरक्षित स्थानों में राख भराई का कार्य शुरू किया गया है। ज्ञात हो कि क्षेत्र में बिश्रामपुर ओसीएम व जयनगर बंद खदान के कई जगहों पर कोयला चोरों द्वारा सुरंग बनाकर कोयला चोरी की जाती है। वर्षों से इस तरह की घटनाओं में अब तक कोयला व छुई मिट्टी निकालने के दौरान कई लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसी घटनाओं को रोकने एसईसीएल प्रबंधन ने खदानों में कोयला उत्खनन के बाद खतरनाक बन चुके स्थलों में राख भराई का काम शुरू किया है। बिश्रामपुर ओसीएम खदान के क्वारी नंबर एक बाबा मस्त नाथ मंदिर के पीछे कोयला चोरों द्वारा बनाए गए सुरंग में कोयला निकालने के दौरान केनापारा निवासी सुनील सोनी की भू धसान के दौरान हुई मौत स्थल को क्षेत्रीय प्रबंधन ने असुरक्षित स्थल मानकर यहीं से राखड़ भराई का कार्य शुरू कराया है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में सीपत प्लांट से राख यहां पहुंच रहा है। बारह लाख टन राख भराई का कार्य यहां किए जाने के लिए निविदा क्लियर होने के बाद ठेकेदार ने कार्य शुरू कर दिया है।