प्रशासनिक अव्यवस्थाओं को लेकर जिपं उपाध्यक्ष ने की पत्रकारों से चर्चा
अंबिकापुर। प्रदेशभर में बीते 14 नवम्बर से शुरू हुई धान खरीदी के दौरान प्रशासनिक अव्यवस्था की बीच किसानों को होती समस्याओं को देखते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह ने स्थानीय राजीव भवन में पत्रकारों से रूबरू होकर कहा कि सरकार धान नहीं खरीदने षड्यंत्र कर रही है। उन्होंने कहा विष्णु देव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों का धान खरीदी कम करना चाहती है। सरकार ने इस बार 160 मीट्रिक टन धान खरीदी करने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए 14 नवम्बर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित किया गया है। शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटा दें तो किसानों को धान बेचने के लिए कुल 47 दिन ही मिल रहे हैं। ऐसे में प्रतिदिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन धान खरीदना होगा, तब कहीं जाकर लक्ष्य पूरा होगा। वर्तमान में जिस रफ्तार में धान की खरीदी की जा रही है, उससे लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव है।
जिपं उपाध्यक्ष ने आगे कहा कि सोसायटियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल, 1880 कट्टा ही धान खरीदा जाए। किसान को शेष धान की बिक्री के लिए आगामी तारीख दी जा रही है। उन्होंने कहा सरकार ने घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आ जाएगा, लेकिन जो लोग 14 नवम्बर को धान बेचे हैं, उनके खाते में पैसा नहीं आया है। जो रकम आ रहा है वह एकमुश्त 3100 रुपये नहीं बल्कि 2300 रुपये प्रति क्विंटल ही आ रहा है। आरोप है कि अनावरी रिपोर्ट गलत बनाकर 9 से 12-14 क्विंटल धान ही खरीदा जा रहा है, जबकि किसानों का 21 क्विंटल धान खरीदा जाना है। सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जाएगा। सोसायटी में बारदाना की कमी है, किसान परेशान हैं। सरकार ने कहा है 50 प्रतिशत नए और 50 प्रतिशत पुराने बारदाना का उपयोग किया जाए। पुराने बारदाना कई समितियों तक नहीं पहुंचे हैं, जिससे धान खरीदी बाधित हो रही है। धान खरीदी केंद्रों में टोकन जारी नहीं करने से किसानों को घंटों खड़े रहना पड़ता है। किसानों को 15 दिन बाद भी टोकन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपये किया जाए, क्योंकि केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपये बढ़ा दिया है। कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये देने का वादा किया था और समर्थन मूल्य बढ़ने पर 2640 रुपये में धान की खरीदी की थी। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, जिपं उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव, महापौर डॉ. अजय तिर्की, बालकृष्ण पाठक, शफी अहमद, राकेश गुप्ता, द्वितेन्द्र मिश्रा, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, आलोक सिंह, हसन खान, हेमंत तिवारी, आशीष वर्मा सहित काफी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे।
राइस मिलर हड़ताल पर, धान सोसायटी में जाम
आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कहा कि धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की 72 घंटे में बफर स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया गया है। पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास यह अधिकार रहता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें। वर्तमान में बफर स्टॉक के उठाव की कोई सीमा नहीं है। धान खरीदी केंद्रों में जगह की कमी सामने आ रही है। पहले मार्कफेड के द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फरवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी, इसे बढ़ाकर वर्तमान सरकार ने 31 मार्च कर दिया है। 31 जनवरी को धान खरीदी बंद होगी, ऐसे में समितियों, संग्रहण केंद्रों में दो महीने तक धान रखा रहेगा। धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपये देने का निर्णय लिया था, इसके बाद प्रदेश में 700 नई राइस मिलें खुली थी। भाजपा सरकार ने इसे घटाकर 60 रुपये कर दिया, इस कारण राइस मिलर हड़ताल पर हैं, धान सोसायटी में जाम है। राइस मिलर एसोसिएशन सरकार के इस फैसले के बाद धान की मिलिंग करने में असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं।