बलरामपुर/राजपुर। कांग्रेस कार्यालय में जिला प्रवक्ता सुनील सिंह ने छत्तीसगढ़ की धान खरीदी नीति पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को भाजपा की सरकार ने मजाक बना कर रख दिया है। विष्णु देव सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि किसानों का धान खरीदी कम करने का षड्यंत्र छत्तीसगढ़ में चल रहा है, इसके लिए छत्तीसगढ़ में सरकार ने प्रतिदिन लगभग 3.30 लाख मीट्रिक तक की खरीदी करने का लक्ष्य रखा है। कुल 47 दिन ही धान खरीदी के लिए निर्धारित हैं। 14 नवंबर से 31 जनवरी तक के अवधि में रविवार और शनिवार सहित सरकारी छुट्टियां को घटाने के बाद सिर्फ 47 दिन ही बचते हैं। सोसाइटी में बरदाने की कमी है, किसान परेशान हंै। सरकार ने कहा है कि 50-50 प्रतिशत नए और पुराने बरदानों की उपलब्धता कराई जा रही है परंतु बारदानों की कमी से धान खरीदी प्रभावित हो रहा है। किसानों को टोकन जारी नहीं हो रहे हैं। किसान लाइन में लगकर टोकन के लिए लंबे समय तक खड़े रह रहे हैं। ऑनलाइन टोकन सिस्टम के कारण 15 दिन बाद का टोकन भी नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने 160 लाख मिट्रिक टन-धान का खरीदी का लक्ष्य रखा है परंतु यह लक्ष्य सिर्फ दिखावे का है। लक्ष्य धान की अच्छी फसल होने के बाद भी पूरा होना सरकार की नीतियों के कारण मुश्किल है। इससे लघु और सीमांत कृषकों को और ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। कांग्रेस ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों को धान का मूल्य 3270 प्रति क्विंटल भुगतान करें क्योंकि केंद्र की सरकार ने समर्थन मूल्य 117 रुपये वृद्धि कर दी है। कांग्रेस की सरकार ने समर्थन मूल्य बढ़ने पर किसानों को कांग्रेस की सरकार ने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया था। सुनील सिंह ने कहा है कि सरकार की धान उपार्जन नीति जो कांग्रेस के समय में थी उसे सरकार ने बदल दिया है नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफर स्टॉक के उठाव नीति को बदल दिया गया है।

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