मनेंद्रगढ़ (एमसीबी) । छत्तीसगढ़ में धान खरीदी समेत किसानों के मुद्दों को लेकर एमसीबी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने एक प्रेस वार्ता कर भाजपा सरकार पर हमला बोला है । जिला कांग्रेस अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार धान नहीं खरीदने का षड्यंत्र कर रही है । विष्णु देव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों से धान खरीदी कम करना चाहती है । इस बार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है । इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित है । शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन मिल रहे हैं । इसका मतलब यह है कि प्रतिदिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की ख़रीदी प्रति दिन करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा । वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा है सोसायटियो को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है । ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है ‌। जिला कांग्रेस अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आएगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को धान बेचे थे, उनके खाते में रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है । (जो समर्थन मूल्य है उतना) सिर्फ 2300 रुपए प्रति क्विंटल ही आ रहा है। अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा, जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा है । किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है । बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा । सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जाएगा । सोसायटी में बारदाने की कमी है, किसान परेशान हैं । सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नए, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाए । 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं हैं, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है । धान खरीदी केंद्रों में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है । किसान घंटों खड़े रहते हैं । आनलाइन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नहीं मिल रहा है । धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपए में करें, क्योंकि 3100 रुपए भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था. केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपए बढ़ा दिया है । इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रुपए से बढ़ाकर 3217 रुपए किया जाए. कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रुपएमें धान खरीदा था । जिला कांग्रेस अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है । नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफ़र स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है । पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास ये अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें । अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफ़र स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है. धान खरीदी केन्द्रो में जगह की कमी आ रही है । पहले मार्कफ़ेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फ़रवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी. अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है । धान खरीदी बंद होगी 31 जनवरी को, यानी समितियों/संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रहेगा। उन्होंने कहा कि धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का निर्णय लिया था, जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेशभर में 700 नई राइस मिलें खुली थीं । अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है । इस कारण राइस मिलर हड़ताल पर है. धान सोसायटी में जाम है । मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फ़ैसले के बाद विभिन्न ज़िलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं ।

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