बिश्रामपुर। करोड़ों रुपए खर्च करने उपरांत तैयार किए गए पर्यटन स्थल पुनः गुलजार कब होगा, इस बात को लेकर लोगों में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा केवल यहां पर विजिट के नाम पर खाना पूर्ति करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ली जा रही है लेकिन इस योजना के उद्देश्य का उचित लाभ आमजन को नहीं मिल पा रहा है। नए वर्ष में यहां पर कभी पर्यटकों की उमड़ने वाली भीड़ भी अब नगण्य होती दिखाई पड़ रही है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 किनारे ग्राम पंचायत जयनगर व तेलईकछार के मध्य एसईसीएल की लीज भूमि पर स्थित अनुपयोगी क्वारी नंबर 6 में वर्षों पूर्व करोड़ों रुपए खर्च करने उपरांत एसईसीएल प्रबंधन व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया था। करोड़ों रुपए खर्च करके तैयार किए गए पर्यटन स्थल का उचित मॉनिटरिंग के अभाव में आज स्थिति यह है कि दूर दराज क्षेत्रों से यहां आने वाले पर्यटकों को उचित मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से उनमें निराशा देखने को मिल रही है, जिससे पर्यटक ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यूं तो यहां की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए अधिकारियों द्वारा समय समय पर विजिट किया जाता है लेकिन अधिकारी केवल यहां बोटिंग का लुत्फ उठाकर केवल प्लानिंग तैयार करके चले जाते हैं। वास्तविकता में यहां के विकास की ओर अभी तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी ठोस कदम उठाते नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। आलम यह है कि अब पर्यटन स्थल में ना तो पर्यटकों को ठहरने की कोई उचित व्यवस्था है और ना ही मनोरंजन के कोई साधन उपलब्ध हैं। ऐसी स्थिति में पर्यटकों को केवल बोटिंग का ही लुत्फ मिल पा रहा है। यहां पर हजारों रुपए खर्च करके तैयार किए गए बांस की झोपड़ी भी पहली आंधी में ही गिरकर क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिनका आज तक मरम्मत नहीं कराया जा सका है। पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने कई कार्यों को पूर्व में कई बार ठेका हुआ और ठेका स्थगित हुआ, लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो सका है। पूर्व में अधिकारियों द्वारा सुझाव दिया गया था कि स्थानीय लोगों के अलावे अन्य जिलों से भी ठेकेदारों को निविदा प्रक्रिया में शामिल करके अच्छे ठेकेदार के जिम्मे इस कार्य संपादित करने की जिम्मेदारी दी जाए, जिससे पर्यटन स्थल के सौंदर्यता पर ग्रहण न लग सके। बावजूद इसके यहां की सुध शासन प्रशासन द्वारा न लेने की वजह से करोड़ों की इस मनमोहक स्थल इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहाती नजर आ रही है। पर्यटन स्थल के शुरुआती दिनों में दूर दराज क्षेत्रों से पर्यटक यहां आकर भरपूर मनोरंजन कर लुत्फ उठाते थे लेकिन अब यहां की स्थिति बदहाल होने से पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई है। यहां पर बदहाली का आलम यह है कि बिजली कनेक्शन नहीं होने की वजह से रात में पूरे पर्यटन स्थल में अंधेरा छा जाता है।
सी मार्ट भी हुआ खंडहर
जिला प्रशासन द्वारा पर्यटन स्थल के समीप लाखों रुपए की लागत से सी मार्ट का निर्माण कार्य कराया गया था। उचित देखरेख के अभाव में अब सी मार्ट भी खंडहर हो चुकी है। सी मार्ट का कोई उपयोग नहीं होने की वजह से शासन की लाखों रुपए का दुरुपयोग करके नुकसान पहुंचाने का कार्य किया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों सी मार्ट को रेस्टोरेंट के रूप में विकसित किए जाने की बात कही जा रही थी, लेकिन वह भी केवल कोरमपूर्ति ही दिखाई पड़ रही है।