अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) में टॉप टेन में भले ही सरगुजा संभाग के युवाओं को स्थान नहीं मिल पाया, लेकिन अंबिकापुर के दो ऐसे युवाओं ने सीजीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है, जो मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। एक के पिता निजी स्कूल में शिक्षक तो दूसरे के पिता मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे हैं। इनकी सफलता से सिर्फ परिवार के सदस्य नहीं बल्कि इन्हें पढ़ाए शिक्षक, सहपाठी भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
शहर के मायापुर निवासी शिशिर द्विवेदी ने सीजीपीएससी 2023 की परीक्षा में 24वां रैंक हासिल किया है। इनके पिता सुरेंन्द्र द्विवेदी निजी स्कूल में शिक्षक और माता वंदना द्विवेदी घरेलू महिला हैं। इकलौते पुत्र के द्वारा मुख्य परीक्षा क्लीयर करने के बाद साक्षात्कार में मिली सफलता से पूरा परिवार हर्षित है। बीएससी गणित से ग्रेज्युएशन व भौतिक शास्त्र एमएससी में पोस्ट ग्रेज्युएट शिशिर को दो गोल्ड मैडल मिल चुका है। शहर के इस होनहार का लक्ष्य अभी पूरा नहीं हुआ है, इनकी तमन्ना यूपीएससी की तैयारी करके आइएएस बनना है। वर्तमान में उन्हें डिप्टी कलेक्टर पद की चाहत है, इस दायित्व का निर्वहन करते हुए वे आगे का सफर तय करेंगे।
यहां से शुरू हुआ शिक्षा का सफर
शिशिर द्विवेदी की प्राथमिक शिक्षा शहर के खैरबार मार्ग में स्थित विक्टोरिया पब्लिक स्कूल से शुरू हुई। वर्ष 2015 में उन्होंने 10वीं बोर्ड की परीक्षा 92.3 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण करने के बाद कक्षा 11वीं और 12वीं की शिक्षा कार्मेल स्कूल में ली। वर्ष 2017 में 12वीं बोर्ड की परीक्षा 84 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण करने के बाद श्री साई बाबा कॉलेज से वर्ष 2020 में बीएससी गणित में ग्रेज्युएशन करके विश्वविद्यालय स्तर पर गोल्ड मैडल हासिल किया। वर्ष 2022 में पीजी कॉलेज अंबिकापुर में अध्ययन करके भौतिक शास्त्र से पोस्ट ग्रेज्युएट हुए, यहां भी इन्हें गोल्ड मैडल मिला। इसके बाद वे पीएससी की तैयारी में भिड़ गए। बिलासपुर से प्री कोचिंग करने के बाद अंबिकापुर आ गए और सेल्फ स्टडी करते हुए अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ते गए।
रोजाना 7 से 8 घंटे करते रहे पढ़ाई
शिशिर ने बातचीत के दौरान बताया कि पीएससी की तैयारी उन्होंने पूरे मनोयोग से की। रोजाना कम से 5 से 6 घंटे व्ययस्तता के बीच भी वे पढ़ाई में समय देते थे। वही सामान्तया 7 से 8 घंटे जब मन करता पढ़ने के लिए बैठ जाते थे। उनकी पढ़ाई के बीच कभी भी माता-पिता अवरोधक नहीं बने। उन पर किसी प्रकार का काम का प्रेशर भी नहीं रहता था। स्वजनों के साथ ही शिक्षक, दोस्त सभी का पढ़ाई में सहयोग मिला। शिशिर कहते हैं कि शिक्षा प्राप्त करने का कोई दायरा नहीं है। मध्यम वर्गीय परिवार का होने के बाद भी पिता-माता ने पढ़ाई के दौरान कभी किसी प्रकार की कमी का आभास नहीं होने दिया। युवाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए पढ़ना जरूरी है। परिवार का सपोर्ट होना चाहिए।
देर रात सीनियर से मिली खुशखबरी
शिशिर ने बताया गुरूवार को देर रात 9.50 बजे अचानक उनके मोबाइल पर सीनियर पंकज कुमार यादव का फोन आया, इनका भी सीजीपीएससी के 242 पदों पर होने वाली भर्ती में चयन हुआ है। उन्होंने बधाई देते हुए पीएससी में 24 वां रैंक मिलने की जानकारी दी। यह बात जैसे ही उन्होंने अपने माता-पिता को बताई तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिवार के करीबी व रिश्तेदारों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, बधाई देने घर पहुंचने लगे। सुबह से ही लोगों का आना-जाना उनके यहां लगा है। कोई पटाखे फोड़कर इस खुशी को साझा कर रहा है, तो कोई मीठा खिलाकर। सुबह से ही वे अपने शुभचिंतकों व रिश्तेदारों से घिरे नजर आए।
परिश्रम व त्याग का फल साकार हुआ
सुरेन्द्र द्विवेदी ने अपने पुत्र शिशिर द्विवेदी को सीजीपीएससी की परीक्षा में मिली सफलता के परिप्रेक्ष्य में कहा कि माता-पिता के साथ बच्चे के त्याग और परिश्रम का प्रतिफल उनके लिए सुखद क्षण लेकर आया है। उन्होंने कहा शिशिर कक्षा दूसरी से ही स्कूल में टॉपर रहा। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करता, जिसमें वे कभी रोड़ा नहीं बने। रायपुर में हो रहे साक्षात्कार के बाद जब वह बाहर निकला, तो वे वहां मौजूद थे। पुत्र को नर्वस देखकर उन्होंने उसके मनोभावों को टटोला और हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि वह जरूर सफल होगा। गुरूवार की रात जब शिशिर से पीएससी की परीक्षा में 24वां रैंक मिलने की जानकारी मिली, उस पल को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
मजदूर के बेटे ने पांचवें प्रयास में लक्ष्य हासिल करके परिवार का मान बढ़ाया
अंबिकापुर के बौरीपारा में रहने वाले पंकज कुमार यादव मूलत: सरगुजा जिला के लुण्ड्रा ब्लॉक के रहने वाले हैं। इनके पिता रामेश्वर यादव पेशे से मजदूर हैं, मां रायवती यादव गृहणी हैं। दो भाई और दो बहनों के बीच तीसरे नम्बर के पंकज की कक्षा छठवीं से 12वीं तक की शिक्षा शासकीय मल्टीपरपज स्कूल में हासिल की। मजदूर ने अपने होनहार पुत्र में पढ़ने की ललक देखी और उन्होंने उसकी इच्छा के अनुरूप श्री साई बाबा कॉलेज में बीएससी कंप्यूटर साइंस में उसका दाखिला करा दिया। इसके बाद पीजी कॉलेज अंबिकापुर से गणित विषय से एमएससी की पढ़ाई करके पोस्ट ग्रेज्युएशन कंपलीट किया। पंकज बताते हैं कि वर्ष 2019 से ही वे पीएससी की तैयारी में लगे थे, लेकिन पांचवें प्रयास में वे लक्ष्य के करीब पहुंच पाए। इसके पहले वे दो बार साक्षात्कार दे चुके हैं, लेकिन हर बार छंटनी होने से कुछ पल के निराशा का भाव मन में आता था। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं माना और माता-पिता के सपोर्ट और सहयोग से इस मुकाम तक पहुंचने में सफल हुए। उन्होंने बताया लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वे अभी तक अविवाहित हैं, उनके छोटे भाई और दोनों बहनों का विवाह हो चुका है। विषम परिस्थिति में भी पिता ने परिवार के दायित्वों का निर्वहन करते हुए मुकाम हासिल करने हमेशा हौसला बढ़ाया और मजदूरी करने के बाद भी कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी। उन्होंने बताया कि रैंक के अनुसार उन्हें क्लास थ्री पोस्ट पर नियुक्ति मिलेगी।