अंबिकापुर। उदयपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बुले के बासिंदे आज भी सड़क और बिजली की सुविधा से महरूम हैं। गांव में सड़क का निर्माण होना था, इसके लिए राशि स्वीकृत हुई, सड़क निर्माण का बोर्ड भी लगाया गया, लेकिन एक साल बीत गए, ग्रामीण सड़क बनने के इंतजार में हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में वे गांव में कैद होकर रह जाते हैं, इसके पीछे कारण सड़क के साथ ही उदयपुर तक जाने के लिए नदी का पड़ना है। अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे कंधे में लादकर सड़क मार्ग तक लाना पड़ता है। पीएम जनमन के तहत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत ग्राम बुले, कनाडांड से केदमा तक करीब 10 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए 6 करोड़ 32 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। सड़क निर्माण का टेंडर ठेकेदार को मिल गया। एक वर्ष बीत गए सड़क निर्माण संबंधी सूचना पटल लगे, मिट्टी, गिट्टी का एक ढेला गांव में नहीं गिरा। सूचना पटल की रंगत भी फीकी पड़ गई है। गांव के उपसरपंच प्रेम शंकर लकड़ा, ग्रामीण लालसाय तिर्की, गुड्डू राम का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए शासन स्तर पर दी गई स्वीकृति से गांव के लोग काफी खुश थे। जंगल के बीच उनकी बसाहट है, हाथियों सहित अन्य जंगली जानवरों का खतरा आए दिन उन पर मंडराते रहता है। इसके बाद भी आज तक गांव पहुंच विहीन है, गांव तक बिजली नहीं पहुंचने के कारण काफी दिक्कतों के बीच वे बसर कर रहे हैं। कई बार आवेदन देने के बाद सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली, फिर भी स्थिति यथावत है। बरसात के दिनों में कोई बीमार पड़ जाए, गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना हो, तो चार कंधे का सहारा लेना पड़ता है। विषम परिस्थिति में चार आदमी मोटरसायकल ढोकर नदी के पार ले जाते हैं। शासन के द्वारा मरीजों, गर्भवती माताओं, शव परिवहन के लिए की गई नि:शुल्क वाहन व्यवस्था से वे वंचित हैं। स्कूली बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने शासन का इस ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए सड़क व पुल निर्माण के पहल की मांग की है, ताकि गांव के लोग विकास की मूलधारा से जुड़ सकें।

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