रायपुर । नीट परीक्षा कांड के बारे में भाजपा नेताओं की बोलती क्यों बंद है? प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बिना किसी तथ्य के केवल राजनीति करने के लिये छत्तीसगढ़ पीएससी में गड़बड़ी के आरोप लगाने वाले तथा पीएससी की सीबीआई जांच कराने वाली भाजपा नीट परीक्षा की गड़बड़ियों पर खामोश क्यों है? नीट परीक्षा के घपले की सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाई जा रही है? भाजपा की मोदी सरकार के लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण देश के 25 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का भरोसा नीट से उठ गया है। परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता बहाल करने के लिये आवश्यक है कि नीट के मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो तथा परीक्षा रद्द कर शीघ्र पुनः परीक्षा करवाया जाये।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नीट परीक्षा में सुनियोजित ढंग से गड़बड़ी हुई है और पूरे देश में गड़बड़िया हुई है। इसके अनेको तथ्य सामने आ रहे है। फिर केन्द्र सरकार कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है? पटना में परीक्षा के ठीक पहले प्रश्न पत्र लीक हुआ था। इस मामले की एफआईआर भी दर्ज हुई थी फिर भी सरकार ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं किया?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नीट परीक्षा परिणाम के कुछ तथ्यों की जांच आवश्यक है। 67 छात्रों को 720 में से पूरे 720 अंक कैसे मिल गए। जबकि, 720 में से 720 अंक पाने वाले छात्र वर्ष 2020 में केवल दो, वर्ष 2021 में तीन, वर्ष 2022 में कोई नहीं और वर्ष 2023 में भी दो थे। पिछले वर्ष की तुलना में टॉपर्स ऑल इंडिया रेंक-1 की संख्या में 5625 प्रतिशत की वृद्धि कैसे हुई। क्या यह अप्रत्याशित नहीं है। प्रश्नों के दो तरह के उत्तर होने के विवाद को लेकर 1563 छात्र न्यायालय गए और उन्हें ग्रेस अंक दिए गए, तो क्या जो छात्र न्यायालय नहीं जा सके, यह उनके साथ अन्याय नहीं हुआ? हरियाणा के झज्झर स्थित एक ही परीक्षा केंद्र के आठ छात्रों ने कैसे इस परीक्षा में 720 में से 720 अंक हासिल कर लिए, जबकि, इनमें से एक छात्र तो 12 वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया था।