बैंड धुन में भक्ति गीत, भव्य गंगा आरती होगा आकर्षण का केन्द्र
अंबिकापुर। लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ आज मंगलवार को नहाय खाय के साथ प्रारंभ होगा। शहर के नजदीक सबसे बड़े छठ घाट खर्रा नदी के तट पर घुनघुट्टा श्याम सेवा समिति द्वारा श्रद्धालुओं के लिए व्यापक तैयारी की गई है। गत वर्ष से दोगुना संख्या में व्रतियों और श्रद्धालुओं के लिए घाट और पार्किंग की व्यवस्था है।
घुनघुट्टा श्याम सेवा समिति के संरक्षक राकेश गुप्ता, अध्यक्ष राम कुमार गुप्ता ने बताया कि छठ व्रत में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ख्याल रखा जाता है। घुनघुट्टा नदी का साफ बहता पानी और सपाट पथरीली नदी तल के चलते यह स्थल श्रद्धालुओं की पहली पसंद है। विगत वर्ष 11 सौ व्रतियों के लिए सूप, दउरी रखने के लिए घाट तैयार किया गया था। इस बार 21 सौ व्रतियों के लिए व्यवस्था की गई है। वाहनों के लिए 5 एकड़ में नया पार्किंग स्थल बनाया गया है। अस्ताचल सूर्य देव को अर्घ्य देने के दौरान सावन लाइव बैंड के कलाकार भक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगे। छठ पर्व के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान वाराणसी के विद्वानों के द्वारा मंत्रोच्चार एवं भव्य गंगा आरती का कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहेगा। छठ घाट को लाल-पीले वन्दनवार और बिजली के आकर्षक बल्बों से सजाया गया है। छठ व्रतियों के सुविधा के लिए नदी के दोनों तट पर घाट की नंबरिंग की गई है। छठ व्रतियों के लिए घाट का टोकन नि:शुल्क उपलब्ध है। आयोजन को व्यवस्थित और भव्य बनाने के लिए घुनघुट्टा श्याम सेवा समिति के प्रेम कुशवाहा, उत्तम राजवाड़े, नारद गुप्ता, राकेश सोनी, पंकज गुप्ता, पुनीत कुशवाहा, शुभम कुशवाहा, आशीष, संजू, नीरज, शुभम, शिवम अभय सक्रिय हैं।
शंकरघाट में 50 हजार छठ व्रतियों के लिए अर्घ्य देने भव्य तैयारी
महामाया छठ पूजा समिति के द्वारा शंकरघाट में 50 हजार व्रतियों के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। समिति के प्रमुख विजय सोनीे ने बताया कि विगत 26 वर्षों से महामाया छठ सेवा समिति के द्वारा शंकरघाट में छठ व्रतियों के कठिन साधना के लिए तैयारियां की जाती हैं। इस बार 50 हजार व्रतियों के लिए पंडाल के साथ ही बैठक व्यवस्था और ठंड के मौसम को देखते हुए अलावा की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। व्रतियों को अर्घ्य देने के लिए दूध भी समिति की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने वालेंटियर इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि कोई भी घाट में विसर्जन की सामग्री न फेंके। विजय सोनी ने बताया कि छठ व्रतियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसे देखते हुए एक माह से छठ घाट की सफाई के साथ ही आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। छठ व्रती पंजीयन कराने के बाद अपना स्थान सुरक्षित कर रहे हैं। घाट में अर्घ्य देने के लिए आने-जाने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है। इस मौके पर छठ घाट की व्यवस्था सुनिश्चित करने में अपना योगदान देने पहुंचे भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि सरगुजांचल में सूर्य उपासना का कठिन महापर्व माताओं के साथ ही पूरा परिवार भक्तिभाव और पूरी पवित्रता के साथ मनाते आ रहा है। इस मौके पर भक्त साक्षात सूर्य को अर्घ्य देते हैं। उन्होंने कहा कि अंबिकापुर के शंकरघाट को काशी के समतुल्य माना जाता है। यहां जीवंत नदी शहर के बीच से गुजरी है, जिससे यह स्थल काफी मनोरम और किसी तीर्थस्थल से कम नहीं है। उन्होंने कहा हम सभी छठ व्रतियों का सम्मान करके अपनी पूजा करते हैं। व्रतियों को हरसंभव सहूलियत मिले, यह प्रयास रहता है। इस दौरान छठ घाट की स्वच्छता सहित अन्य कार्यों में लगे लोगों के साथ महामाया छठ पूजा समिति के पदाधिकारियों ने भोजन भी किया। इस दौरान त्रिलोक कपूर कुशवाहा, परमानन्द तिवारी, डीके सोनी, गोल्डी बिहाड़े, दीपक सिन्हा, संजीव मंदिलवार, प्रकाश साहू, अभय साहू, पंकज चौधरी सहित अन्य की उपस्थिति रही।

Spread the love