अंबिकापुर। एनजीओ में नौकरी दिलाने के नाम पर युवती से एक लाख 77 हजार रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है, रिपोर्ट पर सरगुजा जिला के लुण्ड्रा थाना पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध केस दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक खुड़िया रानी ग्रामीण विकास परिसर ईकाई फरसाबहार नामक एनजीओ में नौकरी लगाने का झांसा देकर एक लाख 77 हजार रुपये की ठगी करने की शिकायत लुण्ड्रा निवासी मंजू पैकरा ने थाने में की थी। युवती ने पुलिस को बताया था कि जशपुर जिला के फरसाबहार निवासी राजकुमार कन्दरा पिता बुधनाथ कन्दरा से जुलाई 2023 में उसका संपर्क हुआ था। उसने खुड़िया रानी ग्रामीण विकास परिसर नाम से एनजीओ चलाने व पत्रकारिता करने की जानकारी देते हुए उसे विश्वास में लिया और फरसाबहार ले जाकर अपना कार्यालय भी दिखाया था। इसके बाद संस्था में नियुक्ति करने की जानकारी देते हुए उसे सुपरवाइजर के पद पर नौकरी देने और इसके एवज में 08 से 15 हजार रुपये मासिक मानदेय देने कहा। ठग ने इसके लिए उसे वापसी योग्य अग्रिम राशि 10 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा। इसके बाद वह एनजीओ के कर्ताधर्ता राजकुमार के फोन पे नंबर पर अपनी बहन अन्जु पैंकरा के फोन पे से 10 हजार रुपये भेज दिया। बाद में उक्त युवक उसकी पढ़ाई-लिखाई का हवाला देते हुए कहा कि उसे संस्था में समन्वयक के पद पर नियुक्ति मिल सकती है, लेकिन इसके लिए तुम्हे 50 हजार रुपये अग्रिम राशि जमा करना होगा, जो बाद में वापस मिल जाएगा। इसके एवज में 25 से 75 हजार रुपये मासिक मानदेय देने कहा गया था। प्रलोभन में आकर वह फोन पे नंबर से दो-दो हजार रुपये 25 बार में अपनी बहन अन्जु पैंकरा के फोन पे नंबर पर अगस्त 2023 में डाल दी। इसके बाद वह एक नियुक्ति आदेश 08.09.2023 को दिया। इसके बाद एनजीओ संचालक ने कहा कि उसे अपने नीचे सुपरवाइजर नियुक्त करना होगा, जिनसे पहले 10 हजार रुपये अग्रिम लेना पड़ेगा, जो बाद में वापस हो जाएगा और उन्हें 08 से 15 हजार रुपये मासिक मानदेय प्राप्त होगा। इसके बाद वह सरोज टोप्पो पिता सूरज कुमार टोप्पो, चन्द्रदेव सिंह मरावी पिता गेंदा राम मरावी, शशि सिंह पिता आदित्य सिंह, अजब सिंह पिता धनेश्वर सिंह, अगर साय पिता धनुराम एवं सुनेश्वर पिता बृजमोहन का संपर्क राजकुमार कन्दरा से कराई, प्रलोभित होकर वे भी राजकुमार कन्दरा के फोन पे नंबर पर 10-10 हजार रुपये डाल दिए। इन्हें भी संस्था का फर्जी नियुक्ति आदेश मिल गया। इसके बाद इन्हें अपने नीचे वालेंटियर नियुक्त करने और उनसे 3-3 हजार रुपये अग्रिम राशि जमा कराने कहा गया। इन्होंने कई लोगों को वालेंटियर बनाकर 3-3 हजार रुपये राजकुमार के फोन पे नंबर पर डाल दिया। दो-तीन महीना बीतने के बाद जब मानदेय नहीं मिलने पर वे एनजीओ संचालक से संपर्क किए, तो वह मानदेय देने में टाल-मटोल करने लगा। शंका होने पर जब वे उपरोक्त संस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त किए तो पता चला कि संस्था एवं दिया गया नियुक्ति आदेश फर्जी है। इनके द्वारा रुपये वापस करने की मांग की गई, तो वह रकम वापस करने से इन्कार कर दिया। हताश होकर वे पुलिस थाना पहुंचकर फर्जी नियुक्ति कर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। इन्होंने बताया कि राजकुमार के द्वारा रुपये वापस मांगने पर बताया गया कि जिस खाते में उन्होंने पैसा भेजा है, वो उसके साला धर्मेन्द्र का है। वहीं धर्मेन्द्र से जब ग्रामीण मिले तो उसने खाता जीजा के होने की जानकारी दी। रिपोर्ट पर पुलिस अग्रिम वैधानिक कार्रवाई कर रही है।

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