पूर्व खाद्य मंत्री के निवास में मनाया गया छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 01 नवम्बर को छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के निवास पर कार्यक्रम आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इस अवसर पर प्रदेश के सभी भाई-बहनों को शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की और बताया कि आज से ठीक 24 साल पहले छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ था। छत्तीसगढ़ राज्य बनाने के विभिन्न उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए जो संघर्ष समिति बनी थी, उस संघर्ष समिति ने काफी लड़ाई लड़ी। तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार ने इसके लिए अनुमोदन कर के केंद्र सरकार के पास भेजा और पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बना। उन्होंने कहा कि आज हम कहीं ना कहीं अपने मूल उद्देश्यों से भटक गए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य को हमें आगे बढ़ाना है, इसे संवारना है, सजाना है, भाईचारा कायम रखना है। छत्तीसगढ़ शासन के तेलघानी विकास बोर्ड के डायरेक्टर लक्ष्मी गुप्ता ने कहा कि आज 11 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस है। दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, इसके बाद 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य बना और आज हम उसकी 24वीं वर्षगांठ बना रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद तत्कालीन सरकार ने काफी काम किया। भूपेश बघेल सरकार ने इस दौरान महत्वपूर्ण कदम उठाया। छत्तीसगढ़ राज्य के कई कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ी बोली, भाषा, संस्कृति की झलक देखने को मिलती थी, आज वह झलक देखने को नहीं मिलती है। राजकीय गीत को भी कार्यक्रमों में नहीं गाया जा रहा है, जो एक प्रकार से इस गीत का अपमान है। किसी भी राज्य को पहचान दिलाने में वहां की बोली, भाषा, संस्कृति का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा पूर्व संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने अपने कार्यकाल में संस्कृति विभाग का कार्यभार संभाला, उस समय का बजट लगभग 50 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर डेढ़ सौ करोड़ रुपये किया गया और एक से बढ़कर एक कार्यक्रम आयोजित किए गए। देश-विदेश तक छत्तीसगढ़ कीे पहचान बनी, आज सारे कार्यक्रम बंद पड़े हैं। छत्तीसगढ़ राज्य को अगर आगे बढ़ाना है तो छत्तीसगढ़ की बोली, भाषा, संस्कृति को आगे बढ़ाना होगा। यहां के कलाकारों को मौका देना होगा। उन्होंने वर्तमान सरकार एवं आने वाली सरकारों से अपेक्षा व्यक्त किया कि इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे, लोक संस्कृति को बढ़ाएंगे। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रणविजय सिंह तोमर, गोपाल केशरवानी, इरफान सिद्दीकी, लालचंद यादव, दीपक मिश्रा, अभिषेक सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन शिवप्रसाद अग्रहरि ने किया। इस दौरान कलाम सिद्दीकी, नीतीश ताम्रकार, सुरेश गुप्ता, सुरेंद्र चौधरी, अनिकेत चौधरी, बरातु राम, बाबूलाल पांडेय, मनीष दुबे, परवेज आलम, अंकित बारी, अखिलेश विश्वकर्मा, अभिषेक पाण्डेय सहित अन्य उपस्थित थे।