एनएच के गड्ढों में ठोकर खाते, गिट्टी-पत्थर की चुभन सहते शंकरघाट पहुंचेंगे व्रती


अंबिकापुर। दिवाली के बाद लोग छठ पूजा की तैयारी में जुट गए हैं। शहर व आसपास के छठ घाटों में साफ-सफाई के साथ अन्य तैयारियों को मूर्तरूप दिया जा रहा है। छठ पूजा समिति के कर्ताधर्ता व्रतियों के सुविधा को ध्यान में रखते हुए घाटों में टेंट पंडाल, प्रकाश व्यवस्था के अलावा वाहन पार्किंग की सुविधा सुनिश्चित करने में लगे हैं। वहीं शंकरघाट जाने वाले छठ व्रतियों को जर्जर मार्ग से होकर कठिन साधना के पड़ाव को पूरा करना पड़ेगा, क्योंकि अभी तक एनएच अंबिकापुर-रामानुजगंज मार्ग की जर्जर सड़क के सुधार के लिए किसी प्रकार की पहल नहीं की गई है। सड़क मार्ग में गड्ढे के साथ उखड़ी गिट्टियां नंगे पांव पूजा का सामान लेकर छठ घाट तक पहुंचने वाले व्रतियों के लिए कष्टकर साबित होंगी। प्रशासन की टीमें भी शहर से गुजरी एनएच की सड़कों को लेकर वाकिफ हैं। सरगुजा सांसद चिंतामणि महराज के साथ स्कूटी में एनएच अंबिकापुर-मनेन्द्रगढ़ मार्ग के गड्ढों का नजारा देख चुके प्रशासन का बेअसर रूआब भी सामने आ चुका है। विपक्ष ने भी शहर से गुजरी लोक निर्माण विभाग और एनएच की सड़कों को लेकर तमाम कसीदे गढ़े, लेकिन सड़कों के सुधार की दिशा में किसी प्रकार का सकारात्मक कदम उठाया गया हो, यह देखने को नहीं मिला। सड़कों को लेकर राजनीति करने वाले भी इस महापर्व में छठ घाट तक आने वाले व्रतियों को राहत मिले, इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के कुंभकर्णी निद्रा में सोए हुए जिम्मेदारों को जगाने की सोच नहीं बना पाए हैं। ऐसे में उम्मीद यही है, ठोकर और उधड़ रही सड़क की गिट्टी, कंकड़ की चुभन को झेलते व्रतियों को शंकरघाट तक पहुंचना पड़ेगा। पर्व की नजदीकी के साथ ही पुलिस व जिला प्रशासन के तमाम विभागों के आला अधिकारियों का यहां आना होगा। ऐसे में प्रशासन से आग्रह है कि शंकरघाट तक पहुंच मार्ग को दुरूस्त करने की पहल शहर के लरंग साय चौक, आईजी बंगला मार्ग से की जाए, ताकि छठ व्रतियों को राहत मिल सके।
कोतवाली टीआई ने शंकरघाट पहुंचकर तैयारियों का किया अवलोकन
फोटो-बड़ा लगाएंगे
कठिन साधना के महापर्व छठ पर शहर के शंकरघाट में सर्वाधिक व्रतियों की भीड़ उमड़ती है। आसपास के क्षेत्रों से भी अस्तांचल व उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लोग यहां पहुंचते हैं। एनएच से लगे शंकरघाट में इस मौके पर व्रतियों की होने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के साथ ही अन्य तैयारियां दिवाली पर्व के पूर्व से ही शुरू की दी जाती हैं। अस्तांचल के सूर्य को अर्घ्य देने के समय पूर्व से ही इस मार्ग से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी जाती है। संजय पार्क के सामने चारपहिया वाहनों की पार्किंग की जाती है, वहीं शंकरघाट के पहले काली मंदिर के पास दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। इसके पहले शनिवार को छठ पूजन समिति शंकरघाट के पदाधिकारी विजय सोनी के साथ कोतवाली थाना के प्रभारी मनीष सिंह परिहार ने शंकरघाट पहुंचकर यहां की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।

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