पाली। किसानों से समर्थन मूल्य पर आगामी 14 नवंबर को धान खरीदी होनी है। वास्तविक किसानों से ही धान खरीदी हो, इसके लिए गिदावरी निरीक्षण भी किया जा रहा है। वहीं सहकारी समिति पाली और लाफा धान उपार्जन केंद्र में ताला लटक रहा हैं। किसान पंजीयन के लिए भटक रहा हैं, क्योंकि कंप्यूटर आपरेटर हड़ताल पर हैं। इसके कारण धान पंजीयन से संबंधित आनलाइन कार्य पूरा ठप हो गया है। आपरेटर अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। हड़ताल पर चले जाने के कारण सहकारी समितियों में आनलाइन काम प्रभावित हो रहा है।
धान उपार्जन केंद्रों में कार्यरत आपरेटरों का कहना है कि शासन द्वारा मिलने वाला संविदा वेतन भी उन्हें आज तक नहीं मिला है। शासन के विभिन्न योजनाओं को पूरी ईमानदारी से करने के बाद भी उन्हें विभाग नहीं मिल पाया है। उनका कहना है कि विपणन विभाग, सहकारिता विभाग, खाद्य विभाग, अपेक्स बैंक या सोसायटी के अनुसार हर सीजन में आपरेटर को अलग- अलग विभाग के अनुसार काम करना पड़ता है।
हड़ताल पर जाने से किसान हो रहे परेशान
सहेत्तर सिंह पंडरीपानी के कृषक सहेत्तर सिंह का कहना हैं कि मांग को लेकर आपरेटर किसानों का काम बंद कर देना सही नहीं है। छोटी-छोटी बातों को लेकर हड़ताल पर चले जाने से आम जनता का कितना नुकसान होता है। जिसके साथ यह गुजरता है उन्हीं को मालूम होता हैं। कर्मचारियों को इस तरह से संगठन तैयार कर सरकार को चुनौती देना उचित नहीं है। सेवा भावना से किसानों का काम करें या अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं है, ऐसे लोगों को इस्तीफा दे देना चाहिए।
पंजीयन कराने ठोकरें खाने मजबूर
बगधरीडांड के कृषक रामसिंह ने बताया कि आपरेटरों के हड़ताल में चले जाने से मेरा पंजीयन नहीं हो रहा है। उनके अनुपस्थिति में किसानों का काम करने के लिए सहकारी समिति के पास कोई विकल्प हैं पंजीयन एवं संशोधन कराने किसान दर दर की ठोकरें खाने मजबूर हैं।
दो सप्ताह से पंजीयन कराने भटक रहा
फिरन दास महंत ग्राम पोटापानी के कृषक फिरन दास महंत ने बताया किमैं 20 किमी दूर से आया हूं। यहां आने के बाद मालूम हुआ कि पंजीयन नहीं हो रहा। दो सप्ताह से भटक रहा हूं मेरा काम होगा या नहीं, जबकि सरकार द्वारा 14 नवंबर से धान खरीदी करने घोषणा कर दी गई है, ऐसे में किसान धान से वंचित हो सकते हैं