सरस्वती शिशु मंदिर परिवार में खुशी का माहौल, की जा रही भव्य तैयारी
अंबिकापुर। लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी देश के नए सेना प्रमुख होंगे, वे जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे। उन्हें चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं का बेहतर ऑपरेशनल अनुभव है। वर्तमान में वे सेना के वाइस चीफ ऑफ आर्मी के रूप में काम कर रहे हैं। जनरल मनोज पांडे 30 जून को रिटायर होने वाले हैं। वरिष्ठता के आधार पर उपेन्द्र द्विवेदी को इस पद के लिए चुना गया है। वर्तमान में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 30 जून से अगला सेना प्रमुख नियुक्त किया है।
लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, अंबिकापुर में सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्र रहे हैं। 52 वर्ष पूर्व 1972 में उन्होंने इस विद्यालय में कक्षा पंचम की पढ़ाई की थी। तत्समय यहां के प्राचार्य कपिल देव नारायण पांडेय थे। इनके पिता श्रीकृष्ण द्विवेदी खनिज अधिकारी थे, जो स्थानांतरण के दौरान अंबिकापुर आए थे। मूलत: रीवा मध्य प्रदेश निवासी उपेन्द्र द्विवेदी गांधी चौक स्थित शासकीय आवास में अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते थे। एक वर्ष अंबिकापुर में रहने के बाद इनका तबादला रीवा क्षेत्र में हो गयाऔर वे यहां से चले गए। कक्षा 5वीं में मिली प्रावीण्यता के आधार पर उपेन्द्र द्विवेदी को सैनिक स्कूल रीवा में कक्षा छठवीं में प्रवेश मिला, वहीं से इन्होंने हायर सेंकडरी की परीक्षा पास की और सैन्य कॉलेज में स्नातक उपरांत भारतीय सेना में कमीशन लिया। इनके सहपाठियों के अनुसार लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी और गंभीर, सहयोगी स्वभाव के रहे हैं। इनके बड़े भाई पीसी द्विवेदी डॉक्टर, मझले अधीक्षण अभियंता के पद पर सेवा देते सेवानिवृत हुए। सबसे छोटी बहन भी डॉक्टर है। अंबिकापुर और सैनिक स्कूल रीवां के लिए यह बड़े गर्व का विषय है। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म एक जुलाई 1964 को हुआ था। उन्होंने सैनिक स्कूल रीवां, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज में शिक्षा लेने के साथ डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज (महू) से भी कोर्स किया है। उन्हें यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले, अमेरिका में प्रतिष्ठित एनडीसी समकक्ष पाठ्यक्रम में विशिष्ट फेलो से सम्मानित किया गया। उनके पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम.फिल और सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है।
सेना में 15 दिसंबर 1984 को ज्वाइनिंग
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सैन्य गतिविधियों में करीब 40 साल का अनुभव है, उन्हें 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री जम्मू और कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला था। अपनी लंबी और विशिष्ट सेवा के दौरान उन्होंने कई कमांड, स्टॉफ और इंस्ट्रक्शनल में काम किया है। लेफ्टिनेंट उपेंद्र द्विवेदी की कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स, ब्रिगेड 26 सेक्टर असम राइफल्स, आईजी, असम राइफल्स (पूर्व) और 9 कोर की कमान भी शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय ने जारी बयान में कहा
रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में जारी एक बयान में कहा, सरकार ने वर्तमान सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को अगला सेना प्रमुख बनाने का फैसला लिया है, उनकी नियुक्ति 30 जून से प्रभावी होगी। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित हैं। द्विवेदी के बाद सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं, जो दक्षिणी सैन्य कमान के कमांडर हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर परिवार ने दी शुभकामनाएं अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर अंबिकापुर में वर्ष 1972 में कक्षा पांचवीं की शिक्षा लिए होनहार उपेन्द्र द्विवेदी के थल सेनाध्यक्ष चयनित होने से विद्यालय परिवार खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। विद्यालय की प्राचार्य मीरा साहू व सभी आचार्यों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र अग्रवाल, व्यवस्थापक राजरूप छाजेड़, करताराम गुप्ता ने गौरवपूर्ण पद की प्राप्ति के लिए बधाई देते हुए इनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।