जा पर कृपा राम की होई, तापर कृपा करे सब कोई
निर्मोही बनी माँ ने नवजात बच्ची को झाड़ियो में फेंका तो उसे उठा दूसरी महिला ने दिया नवजीवन
0 जिला अस्पताल में पूरी तरह स्वस्थ है बच्ची
सूरजपुर। जाको राखे साईंया मार सके न कोय…. एक माँ जिसने नौ माह तक तो अपने कोख में पाला पर न जाने क्या मजबूरी थी कि जन्म देते ही उसे अपने इस बच्चे को झाड़ियों में फेंकना पड़ गया।जिससे यह खबर सुर्खियां बन गई कि माँ निर्मम हो गई और मानवता तार तार हो गई।मगर यह तय है कि सांसो की डोर पर इंसान नहीं भगवान का जोर चलता है और जा पर कृपा राम की होइ, ता पर कृपा करें सब कोई। जन्म देने वाली माँ निर्मोही बनी, तो बच्ची को झाड़ियो से उठाकर उसे नवजीवन देकर दूसरी महिला ने ममत्त्व को कलंकित होने से बचा लिया और नवजात बच्ची के जीवन की रक्षा व उत्तम स्वास्थ्य के लिए उसे अस्पताल पहुंचाया। अब नवजात को जिला अस्पताल उचार के लिए लाया गया है। जहां वह पूरी तरह स्वस्थ है और अस्पताल की नर्स के रूप में उसपर ममता लुटाने वाली कई माँ मिल गईं है।जिले के प्रतापपुर का यह मामला है जहाँ सोमवार को एक नवजात शिशु झाड़ियों में मिला था। वार्ड नंबर दस निवासी प्रतिमा कश्यप सुबह पांच बजे घर से पूजा करने जा रही थी तभी उन्हें बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। इधर उधर देखने के बाद उन्हें घर के पास ही झाड़ी में छोटी सी बच्ची दिखी। बच्ची को इस तरह झाड़ियों में देख उनके होश उड़ गए, पास जाकर देखा तो बच्ची के शरीर पर चीटियां चल रहीं थीं। बिना देर किए उन्होंने बच्ची को उठाया और चीटियां साफ की। इसके बाद उन्होंने अगल बगल के लोगों को बुलाया और फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गईं जहां बच्ची का इलाज शुरू हुआ, पूरे शरीर में चिटियों के काटने के कारण लाल निशान थे। बेहतर इलाज के लिए बच्ची को जिला चिकित्सालय लाया गया है।जहाँ वह पूरी तरह स्वस्थ है।
0 गला घोंटने की कोशिश…!
नौ माह तक कोख में पालने वाली मां इतनी निर्मम हो गई कि उसे झड़ियों में फेंक दिया और मासूम के गले मे मिले कपड़ो से ऐसा लगता है कि गला घोंटने की कोशिश भी की गई हो।पर कहावत है कि जाको राखे साईंया मार सके न कोय…. लिहाजा बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है।पुलिस मामले की जांच के साथ यह पता करने की कोशिश कर रही है कि बच्ची के परिजन कौन और कहाँ के है..?
0 चांदनी लेना चाहती है गोद…
जिस प्रतिमा कश्यप ने बच्ची को सुरक्षित हॉस्पिटल तक पहुंचाया, उसी की बेटी चांदनी बच्ची को गोद लेना चाहती है। दोनों मां बेटी सुबह से ही बच्ची को सेवा खुद की बेटी की तरह हॉस्पिटल में करते दिखे, इतना ही नहीं जब शाम को बच्ची को जिला चिकित्सालय रिफर किया गया तब भी वे एंबुलेंस में बच्ची के साथ ही गए।
0 अस्पताल में ये कर रहीं सेवा….
जिला अस्पताल में मौजूद स्टाफ नर्स प्रेमलता राजवाड़े, बबली साहू, आरएमए राधेश्याम राजवाड़े, सुनीता श्रेष्ठ एनबीएसयू में रख जरूरी देखभाल कर रही है।इधर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर एस सिंह ने बताया कि बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है।दो तीन दिन बाद उसे महिला बाल विकास विभाग के चाइल्ड लाइन को सौंप दिया जाएगा।
भेजी जाएगी मातृ छाया….
चाइल्ड लाइन ने बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया है और उन्हीं देखरेख में इलाज कराया जा रहा है। पूर्णतः स्वस्थ होने के बाद मातृ छाया अम्बिकापुर भेजा जाएगा। इस बीच परिजनों की तलाश की जाएगी और मुकम्मल परिजन मिलने पर उन्हें दिया जाएगा और कोई सामने नही आता है तब की स्थिति में गोद देने की प्रक्रिया के तहत गोद दिया जा सकेगा।गोद लेने के लिए करीब 15 हजार आवेदन पहले से है।
मनोज जायसवाल
जिला बाल सरंक्षण अधिकारी