अंबिकापुर। सरगुजा जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर, दरिमा में गर्भवती महिला का प्रसव जमीन पर कराने के मामले में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार ने बीएमओ भफौली डॉ. पीएन राजवाड़े को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। संस्था प्रभारी आएमए को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा गया है, जवाब मिलने के बाद कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके पहले कलेक्टर सरगुजा ने बीएमओ और संस्था प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था व सीएमएचओ को विस्तृत जांच के निर्देश दिए थे। जांच के बाद एएनएम व ऑन ड्यूटी नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि दरिमा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवानगर की 25 वर्षीय गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर मितानिन राजकुमारी सिंह, शनिवार की सुबह 9 बजे से पहले ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंच गई थी। अस्पताल आने के बाद एएनएम और बिना पूर्व सूचना के स्टाफ नर्स की अनुपस्थित रहे। ऐसे में प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला के साथ मितानिन इंतजार करती रह गई, फोन करने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिला और जमीन पर ही दिन में 10 बजे के लगभग महिला का काफी दिक्कतों के बीच प्रसव हुआ। कलेक्टर के निर्देश पर इस मामले की जांच सीएमएचओ डॉ. आरएन गुप्ता, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला मितानिन समन्वयक की उपस्थिति में की गई एवं संबंधितों का बयान लिया गया था। जांच टीम ने बीएमओ, संस्था प्रभारी, बीपीएम, स्टॉफ नर्स, एएनएम और स्थानीय मितानिन का बयान लिया था और प्रतिवेदन बनाकर राज्य शासन को भेजा गया था। सीएमएचओ आरएन गुप्ता ने जांच दौरान प्रसूता महिला एवं नवजात बच्चे को देखा, दोनों स्वस्थ हैं। प्रकरण में सभी अधिकारी एवं कर्मचारी, मितानिन का बयान लेने व दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत सीएमएचओ ने खण्ड चिकित्सा अधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई करते हुए रात्रिकालीन स्टॉफ द्वितीय एएनएम मीना चौहान को तत्काल प्रभाव से हटाकर आयुष्मान मंदिर रेवापुर में पदस्थ कर दिया है। बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित स्टॉफ नर्स कन्या पैंकरा को निलंबित करने हेतु संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। संयुक्त संचालक स्वाथ्य सेवाएं डॉ. पीएस सिसोदिया ने प्रकरण में साक्ष्य के आधार पर स्टाफ नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में इन्हें मुख्यालय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नवापारा के लिए कार्यादेशित किया गया है। वहीं विशेष सचिव ने बीएमओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है
शर्मनाक वीडियो हुआ था वायरल
शासन ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्र में स्थित अस्पतालों तक आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की है, ताकि प्रसूता को लेकर लंबी दूरी तय करने की स्थिति न बनने पाए। इसके बाद भी प्रसूता को जिन हालातों से संभाग मुख्यालय से 14-15 किलोमीटर के फासले पर स्थिति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुजरना पड़ा और जिस प्रकार का शर्मनाक वीडियो वायरल किया गया, यह स्वास्थ्य महकमे को सवालों के घेरे में खड़ा करता है। पहले तो जिले का स्वास्थ्य प्रशासन गलती मानते हुए मामले को हल्के में ले रहा था। मामला सुर्खियों में आने के साथ ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्रालय तक पहुंचने व कलेक्टर के द्वारा दिए गए जांच के आदेश के बाद बड़ी लापरवाही का पर्दाफास हुआ और हरकत में आए अधिकारियों ने निलंबन की कार्रवाई की। मितानिन ने अपने दर्द को जिस प्रकार बयां किया, उससे यह स्पष्ट हो रहा था कि प्रसूताओं को लेकर आने पर इन्हें किस प्रकार के रूखा व्यवहार का सामना अस्पतालों में करना पड़ता है।