03 माह पहले जमींदोज शव की बरामदगी के 21 दिन बाद हुआ अंतिम संस्कार
पुलिस व प्रशासन की टीम मृतक के स्वजनों के साथ शव लेकर पहुंचे बेलजोरा ग्राम
जनप्रतिनिधियों सहित अन्य ने श्रद्धासुमन अर्पित किया, विधिवत हुआ अंतिम संस्कार
अंबिकापुर। सरगुजा के सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत राजमिस्त्री संदीप लकड़ा की हत्या के प्रमुख आरोपी की गिरफ्तारी सहित आठ सूत्रीय मांग को लेकर जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन शासन व प्रशासन की पहल पर शुक्रवार को तमाम घटनाक्रमों के बीच समाप्त हुआ। सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं स्वजनों से चर्चा के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बीते दिन सीतापुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने शासन की ओर से मृतक की पत्नी को 25 लाख रुपये मुआवजा एवं कलेक्टर दर पर नौकरी देने की घोषणा की। इस पर असहमति के बाद बनी सहमति के बीच स्वजन और समाज के लोगों ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की। शनिवार को मृतक संदीप लकड़ा के शव लेने मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर स्वजन पहुंचे। शव को पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ गृहग्राम बेलजोरा भेजा गया। दोपहर लगभग 1.30 बजे शव लेकर टीम गृहग्राम पहुंची। यहां क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, विधायकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और गांव व समाज के लोगों की उपस्थिति में मृतक के शव का विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। इसके पहले शुक्रवार को भी पुलिस-प्रशासन की टीम ने मृतक के शव को अंतिम संस्कार के लिए सौंपने की तैयारी की थी, शव लेकर अंबिकापुर से रवाना हुए थे, लेकिन बतौली से इन्हें वापस लौटना पड़ा था। इसके बाद शव को पुन: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मर्च्युरी में रखवाया गया था।
बता दें कि तीन माह से लापता ग्राम बेलजोरा निवासी संदीप लकड़ा का शव 06 सितंबर को मैनपाट क्षेत्र में पानी टंकी की नींव की खोदाई करवाकर पुलिस ने बरामद किया था। इसके बाद बनी स्थिति के कारण मृतक संदीप का शव लगभग 21 दिनों तक मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के मर्च्युरी में रखा हुआ था। वहीं घटनाक्रम के विरोध में 12 सितंबर से सर्व आदिवासी समाज के लोग मृतक की पत्नी और स्वजन के साथ 8 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर थे। इसके पहले भी पुलिस और प्रशासन की टीम ने कई बार शव का अंतिम संस्कार कराने की पहल की, लेकिन इनके द्वारा मृतक के शव को मांग पूर्ति नहीं होने तक स्वीकार नहीं किया। शुक्रवार को प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आंदोलनकारियों एवं स्वजनों से चर्चा करने के लिए सीतापुर पहुंचे और छह घंटे तक चली मैराथन चर्चा के बाद 25 लाख रुपये मुआवजा राशि और कलेक्टर दर पर नौकरी की घोषणा के साथ सहमति की स्थिति बनी। इसके पहले चले सारे प्रयास विफल हो गए। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सरकार की ओर से 25 लाख रुपये मुआवजा एवं मृतक की पत्नी को कलेक्टर दर पर नौकरी देने के प्रस्ताव पर शुरू में आंदोलनकारियों ने असहमति जताई थी। इसके बाद सीतापुर रेस्ट हाउस के बंद कमरे में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, विधायक भूलन सिंह मरावी के अलावा सर्व आदिवासी समाज के प्रमुखों की उपस्थित में चली लंबी वार्ता के बाद दोनों पक्ष आंदोलन समाप्त करने सहमत हुए और सर्व आदिवासी समाज के अकबर राम कोर्राम ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की।
सलीमा लकड़ा को सौंपा नियुक्ति पत्र और चेक
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा के बाद मृतक संदीप लकड़ा की पत्नी सलीमा लकड़ा को 8.25 लाख रुपये का चेक एवं छात्रावास में कलेक्टर दर पर की गई नियुक्ति का पत्र सौंपा। साथ ही मृतक के दोनों बच्चों को हायर सेकेंडरी तक मुफ्त शिक्षा एवं अन्य सुविधाएं देने की भी घोषणा की गई। वहीं हत्याकांड मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया गया है।
बयान
संदीप लकड़ा के शव को मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लेकर स्वजन व पुलिस, प्रशासन की टीम गृहग्राम बेलजोरा पहुंची। यहां जनप्रतिनिधियों, स्वजन और समाज, गांव के लोगों की उपस्थिति में मृतक के शव का अंतिम संस्कार किया गया है।
अमोलक सिंह ढिल्लो, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरगुजा

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