Portrait an unknown male doctor holding a stethoscope behind

रायपुर । नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) यूजी के जारी हो गया है। एमबीबीएस, बीडीएस समेत अन्य कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों को काउंसिलिंग तिथि का इंतजार है। एनमएसी की ओर से कामन काउंसिलिंग का नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं हुआ है। नीट परिणाम आने की संभावित तिथि 14 जून थी,लेकिन एनटीए ने 10 दिन पहले चार जून को ही परिणाम घोषित कर दिए।

इस वजह से काउंसिलिंग की तिथि निर्धारित नहीं हो पाई है। उम्मीद है कि जल्द ही काउंसिलिंग की तिथि आएगी। पिछले वर्ष जुलाई में काउंसिलिंग शुरू हुई थी। इस बार मेडिकल कालेजों में प्रवेश को लेकर छात्रों में कड़ी स्पर्धा है। पिछले वर्ष अंतिम राउंड में 530 अंक वाले अभ्यर्थी को अनारक्षित वर्ग में रायपुर मेडिकल कालेज में प्रवेश मिल गया था, लेकिन इस बार उम्मीद नहीं है।
जानकारों ने बताया कि इस बार बहुत ज्यादा कटआफ जाएगा। जिस तरह से छात्रों को अंक मिले हैं, उसके मुताबिक 580 अंक हासिल करने वाले छात्रों को ही रायपुर मेडिकल कालेज में प्रवेश मिल सकता है। इससे ज्यादा भी कटआफ जा सकता है। इस बार प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों में एबीबीएस की सीट नहीं बढ़ेगी, पिछली बार की तरह ही 1460 सीटों में प्रवेश दिए जाएंगे।

हालांकि, निजी कालेज में सौ सीटें बढ़ने की संभावना है। छत्तीसगढ़ में 10 शासकीय और तीन निजी मेडिकल कालेज हैं। रायपुर का नेहरू मेडिकल कालेज प्रदेश में सबसे पुराना कालेज है। प्रदेश के लिहाज से नीट में अच्छा रैंक पाने वाले छात्रों की पहली पसंद यही कालेज है।

इसके बाद बिलासपुर मेडिकल कालेज, राजनांदगांव, रायगढ़, दुर्ग, जगदलपुर समेत अन् कालेजों में छात्र आवेदन करते हैं। गौरतलब है कि इस बार पांच मई को नीट यूजी परीक्षा हुई थी। इसमें प्रदेश के 43873 छात्र शामिल हुए थे। इनमें से 22344 छात्र क्वालिफाई हुए हैं।

एमबीबीएस, बीडीएस, आयुर्वेद व अन्य की 3040 सीटें

छत्तीसगढ़ में 13 मेडिकल कालेज हैं। इनमें एमबीबीएस की 1910 सीटें हैं। इनमें से 1460 शासकीय और 450 निजी कालेजों की सीटें हैं। इसी तरह आयुर्वेद के तीन कालेज हैं। इनमें दो शासकीय और एक निजी है। सभी यूजी की कुल 430 सीटें हैं।

इसी तरह बीएनवायएस और होम्योपैथी के यूजी में 50-50 सीटें मौजूद हैं। इसके साथ ही राज्य में एक शासकीय और पांच निजी डेंटल कालेज हैं। इनमें बीडीएस की 600 सीटें हैं।एमबीबीएस में 15 प्रतिशत सीटें आल इंडिया कोटे के लिए आरक्षित रहती है।

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