नशामुक्त पंचायत बनाने ग्रामसभा में पास प्रस्ताव से पियक्कड़ों की बोलती हुई बंद
अंबिकापुर। आदिवासी बहुल सरगुजा जिले में गांव-गांव तक हड़िया और महुआ शराब प्रचलन में है। आगंतुकों का आवभगत हाथ जोड़कर हड़िया, महुआ शराब परोसकर करते ग्रामीणों को देखा जा सकता है। शहर से लगे इलाकों में भी ऐसा ही कुछ प्रचलन चल पड़ा है। गांव हो या शहर, ऐसे कई लोग मिल जाएंगे, जो सुबह नींद खुली नहीं कि खुमारी उतारने लगते हैं। ऐसे हालातों के बीच ग्रामीण क्षेत्र में शराबबंदी का निर्णय लेना किसी चुनौती से कम नहीं है। बात करें सरगुजा के विकासखंड मैनपाट अंतर्गत ग्राम पंचायत चैनपुर की, तो यहां की महिलाएं अपने हाथों में लाठी लेकर यह संदेश देने के लिए बीते दिनों निकल पड़ी थीं कि हड़िया-दारू बनाना छोड़ दो और हांडी फोड़ दो। इसके बाद यह गांव पूर्ण रूप से नशामुक्त होने को लेकर सुर्खियों में है।
चैनपुर गांव को नशामुक्त करने की शुरुआत महिलाओं ने पेसा अध्यक्ष जयमान एक्का के सहयोग से की है। इन्होंने गांव को नशामुक्त करवाने के लिए ग्राम सभा का आयोजन करवाया और ऐसे नियम पास करवाए, जिससे हड़िया, शराब बनाने और पीने वाले सकते में हैं। इसके पीछे कारण हड़िया-दारू बनाते, बेचते और पीते हुए पकड़े जाने पर संबंधितों से 5000 रुपये जुर्माना की वसूली सख्ती से करना है। यही नहीं ग्राम चैनपुर में जितने भी किराना और जनरल स्टोर उन दुकान के संचालक महुआ, बीड़ी, सिगरेट, पान, गुटखा, तम्बाकू इत्यादि नहीं बेच सकते। इसके बाद भी कोई दुकानदार प्रतिबंधित किए गए चीजों को बेचते हुए पकड़ में आता है, तो संबंधित दुकानदार से 5000 रुपये जुर्माना लिया जाएगा। नशा मुक्ति से संबंधित बनाए गए नियम-कानून का पालन करवाने और निगरानी के लिए महिलाओं के द्वारा नशामुक्ति निगरानी समिति का गठन किया गया है। इस समिति की सदस्य केवल महिलाएं हैं, उन्हें नशामुक्ति से संबंधित सभी प्रकार के कार्य करने का अधिकार दिया गया है। नशामुक्ति निगरानी समिति की महिलाएं आवश्यकता पड़ने पर आबकारी व पुलिस विभाग के अधिकारियों की सहायता लेने स्वतंत्र हैं। नशामुक्ति से संबंधित ग्राम सभा से पारित नियमों का कोई व्यक्ति उल्लंघन करते पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए ग्राम सभा के माध्यम से उच्च न्यायालय में मुकदमा चलाने अर्जी दाखिल किया जाएगा। नशामुक्ति निगरानी समिति चैनपुर की अध्यक्ष मीना एक्का, उपाध्यक्ष अनसतसिया लकड़ा, सचिव छुमी एक्का, सहसचिव बिलीचेना एक्का सहित अन्य महिलाएं ग्रामसभा में पास किए गए ऐसे कठोर नियम, प्रावधानों की सूचना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सीतापुर, तहसीलदार राजपुर तथा थाना प्रभारी सीतापुर को पेसा अध्यक्ष के साथ पहुंच कर दी हैं।
समाजहित के कार्यों में पेसा अध्यक्ष निरंतर दे रहे योगदान
ग्राम पंचायत चैनपुर को नशामुक्त करवाने में कदम-कदम पर साथ दे रहे पेसा अध्यक्ष जयमान एक्का पहले भी चर्चा में रहे हैं। इन्होंने सारुजोबा पहाड़ की जमीन के फर्जी पट्टा को रद्द करवा कर लगभग 300 एकड़ भूमि को कब्जा मुक्त करवाया है। पंचायत भवन चैनपुर की शासकीय जमीन में किए गए अतिक्रमण को हटवाया, इसके बाद वहां पर उप स्वास्थ्य भवन का निर्माण हो रहा है। प्राथमिक शाला चैनपुर के शासकीय जमीन को भी कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमण करके पूरा हड़प लिया गया था, यहां से अतिक्रमण हटवाया। इसके बाद यहां प्राथमिक शाला के बच्चों के लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण होना संभव हुआ। इसके अलावा और भी अन्य महत्वपूर्ण कार्य कर चुके हैं, जिसके लिए सामने आने से लोग डरते हैं। इन कार्यों की वजह से जयमान एक्का समाज के कुछ लोगों की नजरों में किरकिरी भी बने हुए हैं। इनके समाजहित के कार्यों से प्रभावित महिलाएं उनके सहयोग से गांव को दुर्व्यसन से मुक्त करने निकल चुकी हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

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