खेल-मैदान बना छोटे झाड़-का-जंगल, जिम्मेदार कुंभकर्णी निंद्रा में लीन
अंबिकापुर। शासकीय महाविद्यालय सिलफिली में नए प्राचार्य के आते ही व्यवस्था चरमरा गई है। एक तरफ उच्च शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर चुका है, दूसरी तरफ तीन महीने में 5 बार टाइम-टेबल बदला गया है। आजाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा ने बताया कि नैक ग्रेडिंग में ‘बीÓ प्राप्ति के बाद पूरी तरह से क्रीड़ा विभाग कुंभकर्णी निद्रा में विलीन है। नए प्राचार्य पदभार ग्रहण करने के बाद प्रशासनिक प्रोटोकॉल में डूब गए हैं। छात्रों को फीस भुगतान के बावजूद निर्धारित सुविधाएं नहीं मिल रही है।
तीन महीने में पांच बार टाइम टेबल बदलने से प्राध्यापकों को सही समय सारणी समझ नहीं आ रही है और ना ही छात्र डिसाइड कर पा रहे हैं कि किस समय क्या पढ़ना है। वहीं नई शिक्षा नीति अनुसार कुछ चुनिंदा विषय मनमानी ढंग से नवप्रवेशित विद्यार्थियों पर थोप दिया गया है। फर्स्ट ईयर में निर्धारित छात्र संख्या अनुसार कुछ विषयों में सेक्शन अनुसार कक्षाओं का संचालन नहीं हो रहा है। महाविद्यालय द्वारा प्रति छात्र क्रीड़ा शुल्क लिया जाता है, परंतु खेलकूद की वार्षिक प्रतियोगिता सिर्फ कागजी कार्रवाई बनकर रह गई है। नैक ग्रेडिंग के लिए चमकाया गया खेल मैदान अब छोटे-झाड़ का जंगल बन गया है। ग्राउंड की वस्तुस्थिति खेल विभाग की वास्तविकता उगल रही है। महाविद्यालय के अंदर की सड़क पर खेल प्रतियोगिता की तस्वीरें वेबसाइट में मौजूद है। खेल मैदान में स्थित खुले कुएं में ढक्कन तक नहीं लगा है, प्राचार्य को इससे कोई लेना-देना ही नहीं है। आजाद सेवा संघ ने क्षेत्रीय अपर संचालक प्रो. रिजवान उल्लाह से मांग की है कि छात्रों के हित में भौतिक रूप से उपस्थित होकर शासकीय महाविद्यालय सिलफिली का निरीक्षण करें। साथ ही 10 दिनों में खेल मैदान व टाइम टेबल सही किया जाए। ऐसा नहीं होने पर महाविद्यालय के सामने नेशनल हाइवे जाम कर प्रदर्शन किया जाएगा।

Spread the love