पटवारी को 5 हजार लेते, वहीं लेखापाल को 19 हजार रुपये लेते रंगे हाथों पकड़ी टीम
अंबिकापुर। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई में दो लोकसेवक सरगुजा और एमसीबी जिले में रिश्वत लेते गिरफ्त में आए हैं। एसीबी की कार्रवाई से एक बार फिर रिश्वतखोरों के बीच हड़कंप की स्थिति बन गई है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक डोमन राम राजवाडे, निवासी ग्राम भिट्टीकला ने एसीबी कार्यालय अंबिकापुर में शिकायत की थी कि उसके पिता के नाम पर ग्राम मिट्टीकला में पैतृक भूमि थी। पिता की मृत्यु होने से उक्त भूमि उसकी माता एवं 04 भाइयों के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज होना था। प्रार्थी ने इस हेतु वीरेन्द्र पांडेय पटवारी ग्राम मिट्टीकला अंबिकापुर से संपर्क किया तो उसने उपरोक्त कार्य करने के लिए 5000 रुपये रिश्वत की मांग की। वह रिश्वत देने के इच्छुक नहीं था, ऐसे में रिश्वत लेते पटवारी को पकड़वाने के लिए वह एसीबी कार्यालय पहुंच गया। शिकायत सत्यापन के पश्चात 20 सितम्बर को ट्रेप कर आरोपी वीरेन्द्र पांडेय को डोमन राम राजवाड़े से पांच हजार रुपये रिश्वत लेते टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। एसीबी के अधिकारियों ने जारी प्रेस नोट में बताया है कि ग्रामवासी आरोपी पटवारी के भ्रष्टाचार से व्यथित थे, ऐसे में एकजुट होकर इनके द्वारा एसीबी कार्यालय में शिकायत की गई थी।
एमसीबी में लेखापाल आया एसीबी के शिकंजे में
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मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-बैकुंठपुर (एमसीबी) जिला में जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ के लेखापाल को रिश्वत लेते एसीबी की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसीबी की कार्रवाई से जिले में हड़कंप मच गया।
जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत लालपुर के सरपंच महेन्द्र सिंह ने एसीबी अंबिकापुर कार्यालय में शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत लालपुर में पूर्व में डीएमएफ मद से एलईडी स्ट्रीट लाइट की स्थापना की गई थी, जिसका अंतिम किश्त दो लाख 88 हजार 460 रुपये का भुगतान किया जाना शेष था। इसके लिए वह सत्येन्द्र सिन्हा, सहायक श्रेणी-2 (लेखापाल), जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ से संपर्क किया, तो उसने उक्त भुगतान के लिए 19 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। सरपंच जनहित के लिए किए गए कार्य में रिश्वत की मांग के पक्ष में नहीं था और वह लेखापाल को रिश्वत लेते पकड़वाने योजनाबद्ध तरीके से की गई शिकायत का सत्यापन एसीबी के समक्ष कराया और 20 सितम्बर को ट्रेप आयोजित कर आरोपी सत्येन्द्र सिन्हा को सरपंच से 19 हजार रुपये लेते टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।