मामला वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत बरतीखुर्द के आश्रित ग्राम खड़िया पारा में हुए पुल निर्माण का
वाड्रफनगर। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा ग्रामीणों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए गांव के रास्तों को मुख्य मार्ग से जोड़ने की कवायद की गई है, ताकि विषम परिस्थितियों में गांव में बसे लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इसी क्रम में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विभिन्न पंचायतों में सड़क व पुलिया निर्माण के लिए लाखों रुपये की स्वीकृति मिली थी, जिससे आवागमन की सुविधा आसान हो सके। गंभीर मरीजों व गर्भवती महिलाओं को संजीवनी 108 व महतारी 102 की सुविधा उपलब्ध कराने में दिक्कत की स्थिति न बने। परंतु तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में बनी लाखों रुपये की पुलिया महज डेढ़ वर्ष में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। ऐसे में जिम्मेदारों की जबाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं।
मामला बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के जनपद पंचायत वाड्रफनगर का है। ग्राम पंचायत बरती खुर्द के आश्रित ग्राम खड़िया पारा में लाखों रुपये की लागत से वर्ष 2023 में पुलिया का निर्माण कराया गया था, जो दूसरे बरसात में किसी काम का नहीं रह गया है। पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए पुलिया निर्माण का प्रस्ताव बनाकर जनपद पंचायत के मार्फत छत्तीसगढ़ शासन को भेजा गया था। जनहित को ध्यान में रखते हुए इसकी स्वीकृति मिल गई। निर्माण कार्य का जिम्मा ग्राम पंचायत को मिला, मिलीभगत से इतना घटिया काम कराया गया कि दूसरे बरसात में लाखों रुपये का पुलिया बैठ गया। अब हालात पूर्ववत हैं, ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को पुलिया के किनारे से खतरा झेलते पार होना पड़ रहा था। मामले में जिम्मेदारों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना इन्हें भ्रष्टाचार के लिए प्रश्रय देना है। निर्माण कार्य की जांच कर दोषियों से निर्माण में लगी राशि की भरपाई की जानी चाहिए ताकि शासकीय राशि का दुरूपयोग करने की मंशा रखने वालों की प्रवृत्ति पर लगाम लगे।

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