हरियाणा के चुनावी रण में उम्मीदवारों के ऐलान में कांग्रेस पिछड़ती हुई नजर आ रही है. बीजेपी की पहली लिस्ट जारी होने के 36 घंटे बाद भी कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. वो भी तब, जब पार्टी ने पिछले हफ्ते ही 66 उम्मीदवारों का नाम फाइनल कर लिया था. पार्टी ने पहले आधिकारिक तौर पर 4 सितंबर को टिकट की घोषणा की बात कही थी, लेकिन इस डेडलाइन के 2 दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस में टिकट घोषणा की कोई सुगबुगाहट नहीं है.

इसी बीच टिकट बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर चले गए हैं. राहुल यहां डलसास, टेक्सास और वाशिंगटन जाएंगे. 10 सितंबर को राहुल का वाशिंगटन में कार्यक्रम प्रस्तावित है. यानी राहुल 10 सितंबर के बाद ही दिल्ली लौटेंगे.

कांग्रेस की ओर से लिस्ट नहीं जारी पर बीजेपी भी तंज कस कर रही है. बीजेपी का कहना है कि जिस दिन लिस्ट आएगी उसी दिन दुकान खाली हो जाएगी.

टिकट की घोषणा में देरी क्यों कर रही कांग्रेस?

  1. सहयोगियों से नहीं बन पा रही बात
    हरियाणा में कांग्रेस पहले अकेले लड़ने की तैयारी में थी, लेकिन आखिर वक्त में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गठबंधन का सुझाव दिया. इसके बाद कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम और सपा से बातचीत में जुट गए. हालांकि, इन दलों से अब तक बातचीत फाइनल नहीं हो पाई है.

कहा जा रहा है कि सहपयोगियों की डिमांड ज्यादा है, जबकि कांग्रेस सभी पार्टियों को सिंगल डिजिट में सीटें देना चाह रही है. मसलन, कांग्रेस आम आदमी पार्टी को हरियाणा में 5-7 सीट, सपा को 2 सीट और सीपीएम-सीपीआई को 1-1 सीट देने की रणनीति पर काम कर रही है.

कांग्रेस सू्त्रों के मुताबिक आप कुरुक्षेत्र, सपा रेवाड़ी-गुरुग्राम इलाके में सीट मांग रही है. इन इलाकों में पार्टी पहले से मजबूत स्थिति में है. कांग्रेस बातचीत के लिए 1-2 दिन का और इंतजार कर रही है. अगर यह गठबंधन नहीं होता है तो पार्टी की तरफ से टिकट की घोषणा कर दी जाएगी.

  1. हुड्डा और शैलजा-सुरजेवाला गुट में खींचतान
    कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर एक तरफ नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा हैं तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय महासचिव कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला. दोनों गुट अपने-अपने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलाने पर अड़े हैं. कहा जा रहा है कि हुड्डा का खेमा शैलजा-सुरजेवाला गुट पर भारी है.

कांग्रेस ने पूरे विवाद को सुलझाने के लिए मधुसूदन मिस्त्री के नेतृत्व में एक सबकमेटी भी बनाई है. कहा जा रहा है कि शुक्रवार को प्रस्तावित केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट हाईकमान के सामने रखेगी.

कांग्रेस टिकट बंटवारे के बाद किसी भी तरह की विवाद की स्थिति नहीं चाह रही है. रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा विधानसभा का चुनाव भी लड़ने की तैयारी में है. दोनों नेताओं ने हाल ही में इसके लिए राहुल गांधी से भी संपर्क साधा था.

  1. अभी पर्चा दाखिल करने में वक्त है
    हरियाणा में 12 सितंबर तक सभी 90 सीटों के लिए पर्चा दाखिल किए जाएंगे. यानी पर्चा दाखिल होने में अभी 6 दिन का वक्त बचा है. कांग्रेस इसलिए टिकट की घोषणा में जल्दबाजी नहीं करना चाहती है. हालांकि, हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने पिछले दिनों कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि टिकट की घोषणा 4 सितंबर को करेंगे.

कांग्रेस कुछ सीटों पर बीजेपी के बागी को भी एडजस्ट करना चाहती है, जिससे उसे बगावत का फायदा मिल सके, इसलिए भी पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची को ठंडे बस्ते में रख दिया है.

हरियाणा में 5 अक्टूबर को सभी 90 सीटों के लिए मतदान प्रस्तावित है. 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे.

टिकट घोषणा के बाद बीजेपी में मची है भगदड़
बीजेपी ने बुधवार को 67 उम्मीदवारों की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद पार्टी के भीतर भगदड़ जैसी स्थिति मची हुई है. अब तक 20 से ज्यादा बड़े नेताओं ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है. जिन नेताओं ने बागी रूख अख्तियार किया है, उनमें सावित्री जिंदल, रणजीत चौटाला, नवीन गोयल, लक्ष्मण नापा का नाम प्रमुख हैं.

पार्टी के टिकट वितरण पर भी सवाल उठ रहे हैं. बीजेपी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ही सीट बदल दी है. करनाल से विधायक सैनी अब लाडवा से चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी ने टिकट वितरण में दलबदलुओं और नेताओं के बेटे-बेटियों को भी खूब तरजीह दी है.

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को अटेली से, जबकि राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशम से उम्मीदवार बनाया गया है.

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