100 से अधिक सौरऊर्जा की स्ट्रीट लाइट और दस हाईमास्ट लाइटों को 30 गांवों में स्थापित किया
अंबिकापुर – राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) द्वारा अपने निगमित सामुदायिक सहभागिता के अंतर्गत ग्रामों की सड़कों और चौक चौराहों को रौशन करने का बीड़ा उठाया है। इसी परिप्रेक्ष्य में जिले के उदयपुर और प्रेमनगर प्रखण्ड में अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से अब तक ग्राम घाटबर्रा, साल्ही, जनार्दनपुर, परसा, चकेरी, पटना और बियरपुर सहित कुल 7 गांवों के चौराहों में 10 सौर ऊर्जा युक्त हाईमास्ट लाइट लगवाया है। जबकि इसी प्रखण्ड के ग्राम हरिहरपुर, नारायणपुर, घाटबर्रा, बासेन, परसा, शिवनगर, सुरता, तारा इत्यादि सहित कुल 20 से अधिक गांवों की सड़कों को 100 से अधिक सौरऊर्जा स्ट्रीट लाइटों से रौशन किया है। इस विकास से जहां एक ओर बरसात के समय में निकलने वाले सांप, बिच्छू इत्यादि जैसे जहरीले जानवरों के खतरे से ग्रामीणों को राहत मिली है, तो वहीं गांव की सड़कों में सालों से पसरे अंधेरे के हटने से अब ग्रामीण निःसंकोच सड़कों में आवागमन करने में सक्षम हो रहे है। इस सुविधा से इन तीनों ग्रामों में लगभग 500 से अधिक स्थानीय निवासी अंधेरे के बाद बेहतर दृश्यता और सुरक्षा से लाभान्वित हो रहे हैं।
आरआरवीयूएनएल द्वारा अदाणी फाउंडेशन के जरिए इन सभी ग्रामों को आधुनिक तकनीक पर संचालित तथा पावर ग्रिड से निर्भरता मुक्त स्थायी प्रकाश का समाधान प्रदान किया गया है। यह पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण के तहत दिन में सौर ऊर्जा से चार्ज होता है ताकि रात की रोशनी के लिए बिजली उत्पन्न हो सके और महंगे ग्रिड कनेक्शन की आवश्यकता को शून्य किया जा सके। इस प्रकार क्षेत्र में परसा ईस्ट केते बासेन खदान खुलने से ग्रामीण समुदायों में कराए जा रहे सभी विकास कार्य न सिर्फ ग्रामों के विकास की गाथा गढ़ रहे है, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम भी कर रहे हैं। अदाणी फाउंडेशन की यह पहल वास्तव में स्थानीयों के आराम और उपयोगिताओं के साथ साथ अंचल में औद्योगिक और संरचनात्मक स्थिरता के लिए भी एक अनुकूल वातावरण स्थापित किया है।
आरआरवीयूएनएल ने ढांचागत विकास की इसी श्रंखला में खदान के पास के 14 गावों की बड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में मरम्मत तथा बाला पेंटिंग, अतिरिक्त कक्षाओं एवं पक्के शौचालयों का निर्माण, गांव में सड़क निर्माण एवं यात्री प्रतीक्षालयों के मरम्मत तथा सौंदरीकरण इत्यादि के कार्य शामिल है। साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 12 लाख से ज्यादा पेड़ 450 हेक्टेयर खनन की हुई जमीन में रोपित किया है।