जल जीवन मिशन अंतर्गत 1,86156 नल कनेक्शन का लक्ष्य, 44,154 चालू
अंबिकापुर। सरगुजा जिले में 136.49 करोड़ के जल जीवन मिशन का कार्य काफी मंथर गति से चल रहा है। हाल में राज्य स्तर पर जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा बैठक में सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले का कामकाज भी अत्यंत निराशाजनक पाया गया था। इसके बाद जिले के कार्यपालन अभियंता पर गाज गिरी थी। इन सबके बीच ठेकेदारों के द्वारा मनमाना काम करने के आरोप भी लगते रहे हैं।
सरगुजा के हालातों पर नजर डालें तो विभाग के कार्यपालन अभियंता साढ़े 68 प्रतिशत कार्यों का एफएसी होने की बात कह रहे हैं। इनका कहना है कि सरगुजा जिले में 01 लाख 86 हजार 156 परिवारों को नल कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है, इसके एवज में 01 लाख 26 हजार 924 स्टैंड पोस्ट बनाए गए हैं। 44 हजार 154 नल कनेक्शन चालू हैं। 40 हजार 222 नल कनेक्शन का स्त्रोत समूह जल प्रदाय योजना है, इनमें जिले के दरिमा, कंठी, पोड़ी खुर्द, देवीटिकरा खैरबार शामिल हैं। 66883 ग्रामों में लगाए गए नलों में सतही जलाशय स्त्रोत से पानी सप्लाई किया जाना है। इस कार्य के पूर्णता की तिथि 31 अक्टूबर 2024 है। सरगुजा जिले में घर-घर तक स्टैंड पोस्ट बना दिए गए हैं लेकिन पानी नहीं पहुंचने से ये बेकाम के हैं। कहीं पाइप लाइन नहीं बिछा है तो कहीं टंकी अधूरी है। पानी भरने के लिए बोर खनन जैसे कार्यों में भी लापरवाही सामने आ रही है। कहीं-कहीं पंचायतों के एक हिस्से में पानी जा रहा है लेकिन दूसरे हिस्से में पानी आपूर्ति के लिए कनेक्शन नहीं जोड़ा गया है। 1415 नलकूपों के खनन का कार्यादेश जारी किया है, लेकिन यह कब पूरा होगा बता पाना मुश्किल है। जिले में 21238 टंकियां जलस्त्रोत नहीं होने के कारण चालू होने की स्थिति में नहीं हैं। इन्हें भरने के लिए नलकूप खनन की योजना को साकार करना है। कई ग्रामों में बिजली की समस्या का विभाग रोना रोने में लगा है। 267 ग्रामों में सोलर पंप नहीं लगाए गए हैं। इसके बाद भी विभाग के जिम्मेदारों का दावा है कि विशेष पिछड़ी जनजाति के इलाकों तक जल-जीवन मिशन के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए पूरा किया जा रहा है। बता दें कि सरगुजा संभाग में जल जीवन मिशन के कार्यों में नियमों की अनदेखी तथा प्राक्कलन निर्माण में गड़बड़ी की तमाम शिकायतों के बाद भी लापरवाही रूकी नहीं है। अंबिकापुर शहर के आसपास के गांवों में जाकर स्थिति को और आसानी से समझा जा सकता है। ड्राई जोन तक में ऐसे कार्य कर दिए गए, जिससे शासकीय राशि का बरबादी होना तय है।
ठेकेदारों का 50 करोड़ से अधिक बकाया, अनुबंध से हटकर काम कराने का आरोप

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