अंबिकापुर। सरगुजा पुलिस के वरिष्ठ आरक्षक भी अब अपराधों की विवेचना करेंगे, इसके लिए इन्हे एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस अधीक्षक सरगुजा के निर्देशन में प्रथम चरण में 156 वरिष्ठ आरक्षकों कों अपराधों की विवेचना के बारे में राजपत्रित पुलिस अधिकारियों समेत थाना प्रभारियों ने जानकारी दी, ये अब पीड़ितों को न्याय दिलाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ऐसे वरिष्ठ आरक्षक जिन्हें क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्रदान किया गया है, उन्हें भारतीय न्याय संहिता 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत उल्लेखित अपराधों का अन्वेषण करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। इस अधिसूचना में भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 5, 6, 11, 12, 13, 14, 15 और 17 अंतर्गत आने वाले अपराध शामिल हैं। अधिसूचना के अनुपालन में पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल के निर्देशन में जिले के क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्राप्त वरिष्ठ आरक्षकों को अन्वेषण का दायित्व सौंपने से पूर्व जिले के वरिष्ठ आरक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला रक्षित केंद्र अंबिकापुर के सभाक़क्ष में 27/08/24 को आयोजित की गई थी। प्रथम चरण में 156 आरक्षकों को उक्त प्रशिक्षण प्रदान किया गया, शेष वरिष्ठ आरक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन गुरूवार को रक्षित केंद्र में किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को उक्त अपराधों के अन्वेषण हेतु आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना था। प्रशिक्षण कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले के वरिष्ठ आरक्षकों को अपराध विवेचना के संबंध में बारिक तथ्यों की जानकारी दी और कहा कि शासन के निर्देशानुसार वरिष्ठ आरक्षकों को अपराध विवेचना का कार्य सौंपा गया है, जिसे जल्द ही जिले में लागू किया जाना है। इसी क्रम में सभी वरिष्ठ आरक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है। वरिष्ठ आरक्षक पूर्व से थाना, चौकी स्तर पर विवेचना में सहयोगी की भूमिका का निर्वहन करते आ रहे हैं, अब वरिष्ठ आरक्षकों द्वारा चिन्हांकित अपराधों का विवेचना स्वयं करना होगा, इसलिए अपराध विवेचना का बारीकी से ज्ञान होना आवश्यक है। उन्होंने कहा आप सभी प्रशिक्षण कार्यशाला मेें विवेचना के बारीकी तथ्यों को सीखें और आगामी दिनों में विवेचना में इसका पालन सुनिश्चित करें। प्रशिक्षण कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लो द्वारा वरिष्ठ आरक्षकों को अपराध विवेचना हेतु अध्याय 5, जिसमें महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध तथा अध्याय 6, जिसमें मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराध के बारे में जानकारी दी गई। नगर पुलिस अधीक्षक रोहित कुमार शाह द्वारा अध्याय 11, लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराध एवं अध्याय 12, लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराध के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अमित पटेल द्वारा अध्याय 13, लोक सेवकों के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान एवं अध्याय 14, मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराध की जानकारी वरिष्ठ आरक्षकों को दी। रक्षित निरीक्षक अंबिकापुर तृप्ति सिंह राजपूत, थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष सिंह परिहार एवं थाना प्रभारी गांधीनगर प्रदीप जायसवाल द्वारा वरिष्ठ आरक्षकों को अध्याय 15 लोक स्वास्थ्य, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों एवं अध्याय 17, संपत्ति के विरुद्ध अपराधों की जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को इन अपराधों की जटिलताओं को समझने और विवेचना के दौरान प्रभावी निर्णय लेने के लिए तैयार करना था। प्रशिक्षण कार्यशाला में शहरी थाना व चौकियों के वरिष्ठ आरक्षक शामिल रहे।

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