कोरबा । कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद को एक बड़ा झटका लगा है, उनके जाति प्रमाण पत्र को उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया है। यह निर्णय जांच के बाद लिया गया, जिसमें पाया गया कि 6 दिसंबर 2019 को कोरबा के अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जारी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का स्थायी प्रमाण पत्र सही नहीं था।

मामले की पृष्ठभूमि:
वर्ष 2019 के नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा के पार्षदों की संख्या कांग्रेस से अधिक होने के बावजूद, भीतरघात, गुटबाजी और क्रॉस वोटिंग के कारण कांग्रेस के राजकिशोर प्रसाद महापौर चुने गए थे। चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा की महापौर पद की प्रत्याशी, रितु चौरसिया, ने राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती देते हुए जिला न्यायाधीश के समक्ष वाद दायर किया था।

कोर्ट का निर्णय और छानबीन:
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई पावर कमेटी को जांच का निर्देश दिया था। उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने दस्तावेजों की विस्तृत जांच के बाद राजकिशोर प्रसाद के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया। इस निर्णय से महापौर पद पर उनके भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

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