प्रोजेक्टर के माध्यम से लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया
अंबिकापुर। आज हम 21वीं सदी में हैं, हमारा समाज निरंतर प्रगतिशील है और आज हम विकासशील से विकसित की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन आज भी ऐसे ही कुछ सामाजिक कुरीतियां और नकारात्मक घटनाएं घटती रहती हैं, जिससे हम अपने भविष्य और वर्तमान को लेकर एक संघर्ष की अनुभूति करते हैं। समाज में बाल यौन शोषण जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सबसे प्रमुख समस्या यह है कि यौन शोषण जैसे अति संवेदनशील मुद्दों पर बात हमारे समाज में आज भी खुलकर नहीं हो रही है, जिससे ऐसी घटनाओं का बढ़ना और ऐसी घटनाएं करने वालों को बढ़ावा स्वत: ही मिल रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य शासन स्कूल शिक्षा की मंशा के अनुरूप ‘सुरक्षित शनिवारÓ कार्यक्रम के तहत सेजेस केशवपुर में बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में जानकारी दी गई। अंचल कुमार सिन्हा के आह्वान पर विद्यालय की शिक्षिका तथा कार्यक्रम प्रभारी संस्कृति श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को गुड टच बैड टच पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस हेतु प्रोजेक्टर के माध्यम से लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। उन्होंने बताया कि जब कोई आपको इस तरह से टच करे कि आपको उससे बुरा लगे या आप असहज महसूस कर रहे हों तो ये बैड टच हो सकता है। साथ ही अगर कोई अनजान व्यक्ति आपके प्राइवेट पार्ट्स या कई अन्य जगह आपको गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है। अगर कोई आपके साथ गलत हरकत करे और बोले कि किसी को बताना मत, तो ये बैड टच होता है। इस स्थिति में आपको बोलना जरुरी है, साथ ही स्कूल में हंै तो अपने शिक्षक को और घर जाकर अपने माता-पिता को इसकी जानकारी अवश्य दें।
अगर कोई आपको टच करे और उससे आपको अच्छा लगे तो ये गुड टच होता है। कोई आपको प्यार करने के लिए, मदद करने के लिए टच करता है तो आप इसे गुड टच कहेंगे। संस्कृति ने बच्चों के माध्यम से अभिभावकों तक संदेश भेजा कि कुछ प्रश्नों का जवाब आप स्वयं से जरूर पूछें। क्या कोई वयस्कों की तुलना में बच्चों के साथ अधिक समय बिता रहा है? क्या कोई उन्हें महंगे उपहार खरीदकर बच्चों के करीब लाने की कोशिश कर रहा है? क्या आपका बच्चा किसी के साथ कहीं भी असहज महसूस कर रहा है? यदि आपको कुछ संदेह है, तो बच्चे को उस वातावरण या व्यक्ति से तुरंत हटा दें। इसके अलावा, हमेशा अपने बच्चे से पूछें कि उनका दिन कैसा गुजरा। उन्हें आप में विश्वास करने में सक्षम होना चाहिए। उन्हें आश्वासन दें कि आप उनकी बात सुनेंगे चाहे कुछ भी हो। आपका बच्चा आप पर भरोसा करने और आपके साथ कुछ भी साझा करने में सक्षम होना चाहिए। इस दौरान संस्था के प्राचार्य संतोष साहू भी उपस्थित रहे।