छोटे बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार पहुंचते हैं स्कूल
लखनपुर। सरगुजा जिले के सरकारी स्कूलों की दशा अत्यंत सोचनीय है। शिक्षकों की कमी, अव्यवस्थाओं और जर्जर भवनों में बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं और जिले के अधिकारी सुसज्जित कार्यालयों में बैठकर गुणवत्ता युक्त शिक्षा का दम भर रहे हैं। इधर धरातल में गुणवत्ता युक्त शिक्षा व्यवस्था की पोल खुलते नजर आ रही है। कुछ ऐसा ही मामला सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड में देखने को मिला, जहां जर्जर किचन शेड में अव्यवस्थाओं के बीच स्कूल का संचालन किया जा रहा है। मौत के साए में बच्चे नदी पार कर जर्जर किचन शेेड में पढ़ाई करने को मजबूर है। ग्रामीणों के द्वारा कई बार शासन प्रशासन से स्कूल भवन निर्माण कराया जाने की मांग की गई है, परंतु आज दिनाक तक भवन का निर्माण नहीं हो पाया है।
जानकारी के मुताबिक शिक्षा सत्र 2024-25 में लखनपुर विकासखंड के ग्राम तुनगुरि अहीरपारा प्राथमिक शाला का भवन नहीं होने के कारण लगभग सवा महीने से प्राथमिक शाला के जर्जर किचन शेेड में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इस प्राथमिक शाला में 22 बच्चे अध्यनरत हंै, यहां तीन शिक्षक पदस्थ हैं। जर्जर शौचालय को कार्यालय बनाया गया है, वहीं जर्जर छोटे से किचन शेड में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। यहां बच्चों के लिए न तो बैठने की व्यवस्था है और न पानी व शौचलय की है। ऐसे में अव्यवस्थाओं के बीच स्कूल का संचालन हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के मासूम बच्चे जर्जर किचन शेड में अपना भविष्य गढ़ रहे हैं।
पहले निजी मकान, फिर चबूतरा में लगता था स्कूल
प्राथमिक शाला तुनगुरी अहीरपारा में पदस्थ शिक्षक मनबोध राम पण्डो ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में स्कूल का संचालन निजी मकान में किया जा रहा था। इसके बाद प्रधान पाठक छत्रपाल के कहने पर स्कूल का संचालन चबूतरा में किया जाने लगा। बारिश का मौसम होने के कारण जर्जर शौचालय और किचन शेड में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। भवन के अभाव में बच्चों को पढ़ाई कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भवन को लेकर संकुल समन्वयक और खंड शिक्षा कार्यालय में मांग की गई है।
ग्रामीणों ने कहा-गीले फर्स में बैठने बच्चे मजबूर
ग्रामीण राजू यादव और गोवर्धन यादव ने बताया कि स्कूल भवन जर्जर होने से भवन को एक वर्ष पूर्व डिस्मेंटल कर दिया गया था। पिछले एक वर्ष से स्कूल भवन की मांग की जा रही है परंतु आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका। बच्चों को पढ़ाई करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शासन-प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। बच्चे जर्जर शौचालय, किचन शेड में पानी टपकने से गीला हो रहे फर्स पर बैठकर बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। अगर भवन का निर्माण नहीं होता है तो बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं भेजेंगे।
बयान
मेरे संज्ञान में आज ही यह मामला आया है। मेरे द्वारा प्रधान पाठक से संपर्क कर त्वरित किराए के मकान में स्कूल लगाने की पहल करने के लिए कहा गया है।
प्रदीप राय, बीईओ लखनपुर

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