17 वर्षीय गर्भवती किशोरी के मौत की सूचना पर पुलिस ने कराया पोस्टमार्टम
अंबिकापुर। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिम्मेदार सहित प्रशासनिक तंत्र बाल विवाह रोकने के लिए जहां एक ओर ताकत झोंकने में लगा हैं, वहीं सामाजिक रीति-रिवाज से बाल-विवाह संपन्न होने जैसे मामले भी सामने आ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद एक ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें मृतका की उम्र आज की स्थिति में अस्पताल में जमा किए गए रिकार्ड के अनुसार महज 17 वर्ष है, जो गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा बढ़ने के बाद स्वजन उसे अस्पताल लेकर आए, यहां इलाज के दौरान गर्भस्थ बच्चे के बाद मां की भी मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक बलरामपुर जिला के पास्ता थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बाड़ी चलगली की नीलम नगेसिया का विवाह राजेश नगेसिया के साथ किशोरावस्था में वर्ष 2021 में हुआ था। दोनों के दांपत्य जीवन के बीच पहली बार गर्भवती हुई किशोरी को 9वें माह में अत्यधिक प्रसव पीड़ा होने पर स्वजन निजी वाहन से मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर लेकर पहुंचे, यहां जांच के बाद चिकित्सक ने उसे भर्ती कर लिया था। जांच में पता चला कि महिला के गर्भ में मौजूद बच्चे की मौत हो चुकी है। स्वजनों के द्वारा पूर्व में गर्भवती महिला का जांच भी नहीं कराया गया था, जिससे गर्भस्थ बच्चे की स्थिति से वे अनजान थे। बच्चे की गर्भ में मौत की जानकारी देने के बाद चिकित्सक ने स्वजन को बताया कि मृत बच्चे को निकालने के लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। इसके लिए सहमति मिलने पर चिकित्सक ने ऑपरेशन करके गर्भ से मृत बच्चे को बाहर निकाला, इसके बाद 02 अक्टूबर को प्रसूता दम तोड़ दी। स्वजन की ओर से पेश किए गए दस्तावेज के आधार पर प्रसूता की उम्र कम होने के कारण मौत की जानकारी पुलिस को दी गई थी। पुलिस ने स्वजन का बयान दर्ज करके मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराया है।

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