बांध का गेट नहीं खुला, मिट्टी के कटाव से पानी का बहाव बढ़ने के बाद बांध के क्षतिग्रस्त होने का खतरा टला
अंबिकापुर। सरगुजा संभाग भर में पिछले 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने सूरजपुर जिले के ओड़गी विकासखंड अंतर्गत चिकनी स्थित वेनिका हाइड्रो पावर प्लांट की जड़ें हिला कर रख दी हैं। चिकनी स्थित महान नदी पर बने प्लांट के बांध के ऊपर से 36 घंटे से भी अधिक समय से तेज गति के साथ पानी का बहाव जारी है। तकनीकी खराबी के कारण जाम हो चुके बांध के गेट अभी तक नहीं खुल पाया हैं पर बांध के दोनों किनारे की मिट्टी के कट जाने से अब पानी बहने का दायरा बढ़ गया है, जिससे बांध के टूटने का खतरा कम हो गया है। इधर प्रशासनिक टीम ने बांध के डुबान क्षेत्र में आने वाले गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को शुक्रवार को ही ऊंचे स्थानों पर भेज दिया था। लगातार हो रही बारिश के बीच बांध का पानी गुरुवार शाम से ही ओवरफ्लो वाली स्थिति में आ गया था। गेट नहीं खुलने से बारिश का पानी लगातार बांध के ऊपर से बह रहा है। बांध के पानी ने विद्युत उत्पादन के लिए लगे प्लांट को डुबो दिया है। विद्युत उत्पादन ठप्प पड़ गया है। प्लांट में लगी मशीनों में पानी भर गया है, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। बारिश के पानी ने बांध को चारों ओर से घेरकर रखा है। ऐसे में तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़े बांध के गेटों में सुधार कार्य करना आसान नहीं है। बांध की स्थिति पर प्रशासनिक टीम पूरी नजर बनाए हुए है। एहतियात के तौर पर चंदौरा हाइवे थाना की पुलिस भी चिकनी में मौजूद रहकर ग्रामीणों व अन्य किसी को भी बांध की ओर नहीं जाने की समझाइश दे रही है।
बारिश पूर्व तकनीकि कमी का नहीं किया आंकलन
ओड़गी विकासखंड के चिकनी स्थित वेनिका हाइड्रो पावर प्लांट के बांध के गेट तकनीकी खराबी के कारण नहीं खुले, यही कारण है कि अब पानी ओवरफ्लो होकर बांध के ऊपर से जा रहा है। बांध के गेटों में आई तकनीकी खराबी को लेकर अब पावर प्लांट के कंपनी प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने बारिश से पूर्व बांध में लगे गेटों की जांच नहीं की। कंपनी ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया कि वर्षाकाल में बांध का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने पर बांध के हाइड्रोलिक गेटों को खोलने के लिए लगाया गया सिस्टम काम करेगा या नहीं। यदि कंपनी ने वर्षाकाल से पूर्व ही बांध में लगे गेट व उससे जुड़े सिस्टम की जांच की होती तो तकनीकी कमी को दूर किया जा सकता था। कंपनी के लापरवाह रवैये के परिणामस्वरूप बांध और पावर प्लांट को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचने की नौबत बनी।
मिट्टी के कटाव से बढ़ा पानी के बहाव का दायरा
महान नदी पर बने चिकनी स्थित वेनिका हाइड्रो पावर प्लांट के बांध की लंबाई दो सौ मीटर तथा गहराई 21 मीटर है। इस बांध से 24.75 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। यह बांध पूरी तरह से पक्का नहीं है। बांध के बीच का बड़ा हिस्सा तो पक्का है पर बांध के एक किनारे 70 मीटर लंबाई तथा दूसरे किनारे की 20 मीटर लंबाई वाले हिस्से को मिट्टी से बांध दिया गया है। ओवरफ्लो हो रहे पानी ने बांध के इन दोनों मिट्टी वाले हिस्सों को काट कर बहा दिया है, जिसके कारण अब बांध के ऊपर से निकल रहे पानी का पहले की अपेक्षा दायरा बढ़ गया है। इससे बांध के पक्के हिस्से पर पानी का दबाव कम पड़ रहा है और बांध के टूटने का खतरा काफी हद तक टल गया है।
उत्पादित बिजली की सप्लाई होती है सबस्टेशनों में
यहां से उत्पादित बिजली प्रतापपुर के खजूरी स्थित 33 केवी क्षमता तथा विशुनपुर के 33 केवी क्षमता वाले दोनों ही सबस्टेशन को सप्लाई की जाती है। बिजली का ज्यादा उत्पादन होने पर यहां से वाड्रफनगर के सबस्टेशन को भी सप्लाई दी जाती है। हालांकि इस पावर प्लांट के खराब हो जाने से प्रतापपुर की विद्युत व्यवस्था में किसी प्रकार की बाधा पहुंचने की संभावना नहीं है, क्योंकि प्रतापपुर को ज्यादातर बिजली की आपूर्ति कोरबा के बांगो बांध में स्थित पावर प्लांट से होती है।