फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के साथ, मैसेज भेजकर जारी कर रहे आदेश
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ शासन में पूर्व मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह के अलावा मंत्री शिव डहरिया और अमर अग्रवाल के नाम पर इंटरनेट मीडिया में फर्जी अकाउंट बनाने का मामला पूर्व में सुर्खियों में आया था, इसकी फेहरिश्त अभी भी खत्म नहीं हुई है। शातिरों ने छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भी इससे अछूता नहीं रखा और वे उनके नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने में लगे हैं। साथ ही लोगों को कई प्रकार के संदेश और आदेश भी इस फर्जी आईडी के माध्यम से भेजने की बातें सामने आ रही रही हैं। शिकायत पर साइबर थाना में आईटी एक्ट के तहत अज्ञात के खिलाफ अपराध कायम किया गया है।
इधर पारदर्शी कार्यप्रणाली के लिए निरंतर प्रयासरत सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर के नाम पर फेक व्हाट्सएप बनाने का मामला प्रकाश में आया है। +94 कोड वाले इस नंबर में सरगुजा कलेक्टर का फोटो और नीचे उनके नाम विलास भोसकर के अलावा फोन नंबर फ्राम श्रीलंका उल्लेखित है। इसके अलावा हैलो नीरज, हाऊ आर यू डूइंग, वेयर आर यू एट द मूवमेंट जैसे चैटिंग व मिस्ड वाइस कॉल इस फर्जी आईडी में किए गए हैं। संदिग्ध व्यक्ति के द्वारा संचालित इस फेक व्हाट्सएप की कलेक्टर ने पुष्टि की है और सभी से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने यह भी आगाह कराया है कि उनके द्वारा फेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
व्हीआईपी और व्हीव्हीआईपी को भी नहीं छोड़ रहे
साइबर क्राइम के रोज नए-नए तरीके तो अपराधी ईजाद कर ही रहे हैं, इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि वे व्हीआईपी और व्हीव्हीआईपी को भी निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। छत्तीसगढ़ में पूर्व में दिग्गज मंत्रियों के नाम पर फर्जी फेसबुक आईडी बनाने और तमाम संदेश भेजने जैसा मामला पूर्व में सुर्खियों में आने के बाद हालिया मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर इस अकाउंट के माध्यम से सैकड़ों लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना सामने आने के बाद साइबर विभाग अलर्ट हो गया है। साइबर रेंज थाने में आईटी एक्ट के तहत अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर इसकी तहकीकात की जा रही है।
कांग्र्रेस नेताओं से की गई थी रुपये की मांग
पूर्व के घटनाक्रमों पर नजर डालें तो नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया के फेसबुक का क्लोन अकाउंट बनाकर इस आईडी के माध्यम से कांग्रेस नेताओं से मैसेज कर रुपये की मांग की जा रही थी। इनके फेक अकाउंट से मैसेज किया गया था कि उनका एक दोस्त हॉस्पिटल में भर्ती है, जिसे तुरंत 20 हजार रुपये की आवश्यकता है। इसके बाद फर्जी अकाउंट से एक अकाउंट नंबर में मैसेज करके उसमें पैसे डालने को कहा गया था। तत्कालीन मंत्री अमर अग्रवाल से भी फेक फेसबुक अकाउंट बनाकर 10 हजार रुपये की डिमांड की गई थी। पूर्व में आइएएस आईपीएस ऑफिसर का फर्जी अकाउंट बनाने का मामला भी प्रदेश में सामने आ चुका है, जिसके माध्यम से ठग द्वारा पैसे की मांग की जा रही थी। मामला सामने आने पर पुलिस अधिकारियों ने क्लोन अकाउंट को ब्लॉक कराया था। इस दौरान झारखंड के जामताड़ा से क्लोन अकाउंट के ऑपरेट होने की बात सामने आई थी, जो एटीएम से ऑनलाइन ठगी में माहिर थे। इनकी करतूतों का पुलिस के द्वारा पर्दाफास करने के बाद इन्होंने ठगी का नया तरीका ईजाद किया और इंटरनेट मीडिया को ठगी का जरिया बनाया।