टोना-टोटका के संदेह पर दिया वारदात को अंजाम, नाबालिग सहित चार गिरफ्तार
अंबिकापुर। टोना-टोटका के संदेह पर महिला की हत्या कर शव को सेप्टिक टैंक में फेंकने के मामले में पुलिस ने विधि से संघर्षरत बालक समेत 04 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। आरोपियों में दो मृतिका के भतीजे हैं, जिन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर शातिराना अंदाज में हत्या की घटना को अंजाम दिया। विधवा महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थी, जो तथाकथित परियोजना कार्यालय के बाबू के झांसे में आकर बोलेरो वाहन में अपने विभाग के परियोजना अधिकारी से मिलने गई थी। हत्या के पहले आरोपियों ने उन्हें शराब पिलाया था, इसके बाद सेमरडीह स्कूल के पास सुनियोजित तरीके से हत्या करके शव को सेप्टिक टैंक में डाल दिया था। महिला के अचानक गायब होने पर परिवार के सदस्य उसकी तलाश में लगे थे। हत्यारोपी भी इनके साथ खोजबीन का नाटक कर रहे थे, ताकि उन पर किसी प्रकार का संदेह न हो।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लो ने हत्या के मामले का पर्दाफास करते हुए बताया कि धौरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बरडीह निवासी दिनेश कुमार जायसवाल ने बीते 26 जुलाई को थाना लुंड्रा में सूचना दी थी कि प्राथमिक शाला सेमरडांड में स्कूल के पीछे सेप्टिक टैंक बना है, इसमें से बदबू आने पर उन्होंने सेप्टिक टैंक का ढक्कन को हटवाकर देखा तो अज्ञात महिला का पैर व साड़ी दिखाई दे रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकलवाया था और मृतिका की पहचान सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बालमपुर रतनपुर, पाटीपारा निवासी सामलिया पैकरा के रूप में स्वजनों ने की थी। पुलिस ने मर्ग कायम करके शव का पोस्टमार्टम कराया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने मौत के कारण में हत्यात्मक प्रवृत्ति बताया था। इसके बाद पुलिस टीम हत्यारोपी के तलाश में थी। जांच दौरान एक संदेही को पुलिस हिरासत में ली, जिसकी मृतिका से मोबाइल में बातचीत हुई थी। संदेही के पकड़ में आने के बाद नाबालिग सहित चार लोगों के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की हत्या टोनही के शंका पर करने का पर्दाफास हुआ। पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध धारा 103(1), 238, 3(5) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करके न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। आरोपियों के निशानदेही पर मृतिका के जलाए गए दस्तावेज, खाली बैग, टूटा हुआ मोबाइल व घटना में प्रयुक्त बोलेरो वाहन क्रमांक सीजी 14 बी 4287 व 02 मोटरसाइकिल, घटना में प्रयुक्त सिम जप्त किया गया है।
ऐसे पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी
पुलिस टीम ने संदिग्ध अंकित उर्फ संतोष यादव 20 वर्ष निवासी चलगली डांडपारा थाना लुंड्रा को घेराबंदी करके हिरासत में लिया और पूछताछ की तो उसने मृतिका के दो भतीजे व एक नाबालिग के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकारा। आरोपी के निशानदेही पर मामले में शामिल एक विधि से संघर्षरत बालक समेत मृतिका के भतीजे अरविन्द पैकरा 29 वर्ष व समित पैकरा 24 वर्ष निवासी रतनपुर पाटीपारा थाना सीतापुर को पुलिस ने कब्जे में लिया, इन्होंने हत्या करना स्वीकार किया। एएसपी ने बताया कि आरोपी मृतिका के भतीजे अरविन्द पैकरा का जान-पहचान पूर्व से चलगली डांडपारा लुंड्रा निवासी अंकित उर्फ संतोष यादव था। इसे अरविन्द पैकरा ने परिवार के लोगों की असामायिक मौत के बारे में बताया था और चाची सामलिया पैकरा पर जादू-टोना कर घर के लोगों को एक-एक करके मारने की बात कही और चाची को जान से मार देने का प्लान बनाया।
परियोजना कार्यालय का बाबू बनकर किया फोन
सामलिया पैकरा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थी, इसका फायदा उठाकर अंकित उर्फ संतोष यादव स्वयं को परियोजना कार्यालय का बाबू बताकर मृतिका से फोन पर बात किया और विभागीय काम में कुछ गड़बड़ी का हवाला देकर बाद में दिक्कत आने की बात कहते हुए मिलने के लिया बोला था। साथ ही परियोजना अधिकारी से मिलवाकर रिकार्ड ठीक करवा देने का झांसा दिया था। घटना दिनांक 22 जुलाई को सामलिया उससे मिलने के लिए तैयार हुई, तो उसके भतीजा अरविन्द पैकरा ने गांव के एक व्यक्ति से बोलेरो वाहन मांगा और इसे अंकित उर्फ संतोष यादव को दे दिया। अंकित अपने साथ विधि से संघर्षरत बालक को लेकर सामलिया पैकरा को लेने मंगारी सीतापुर गया। बोलेरो के पीछे मृतिका का भतीजा अरविन्द एवं उसका भाई समित पैकरा भी अलग-अलग मोटरसाइकिल में आ रहे थे। अंकित व विधि से संघर्षरत बालक सामलिया को बोलेरो में बैठाकर दोपहर में ले गए और परियोजना अधिकारी के व्यस्त रहने की बात कहकर उसे इधर-उधर घुमाते रहे। शाम होने पर आरोपियों ने अपने पास रखे महुआ शराब को मृतिका को पिलाया। रात होने पर मृतिका घर जाने के लिए कहने लगी, जिस पर अंकित ने चलगली में अपने रिश्तेदारों से मिलने के बाद उन्हें साहब से मिलवाने और घर छोड़ देने की बात कहा था। चलगली पहुंचने के बाद सेमरडीह स्कूल के पास वे पहुंचे। बोलेरो के पीछे-पीछे अरविन्द पैकरा और समित पैकरा भी वहां पहुंच गए थे। बोलेरो रूकने के बाद अरविन्द पैकरा और समित पैकरा ने बोलेरो के बीच के गेट को खोला और सामलिया पैकरा के गले में साफा को डालकर गला घोंट दिया। इसके बाद मृतिका के शव को सेमरडीह स्कूल के पीछे सेप्टिक टैंक में डालकर ढक्कन बंद कर दिए और मौके से फरार हो गए। आरोपियों ने मृतिका के बैग से दस्तावेज निकालकर सिंगीटाना में जला दिया और खाली बैग कों चेंद्रा पुलिया के पास फेंक दिया था। मृतिका के मोबाइल को रास्ते में तोड़कर जंगल में फेंका था।
तीन लोगों की मौत का मान रहे थे जिम्मेदार
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लो ने बताया कि मृतिका के भतीजों के यहां दो साल पहले अरविन्द के पत्नी की मौत हो गई थी, वहीं बीमारी से दो साल के भतीजा की मौत हो गई थी, तीन साल पहले उसकी मां दम तोड़ दी थी। चाची के बीमार पड़ने के बाद उन्होंने हत्या का षड्यंत्र रचा। कार्रवाई में थाना प्रभारी लुंड्रा उपनिरीक्षक शिशिरकान्त सिंह, सहायक उपनिरीक्षक चंद्र प्रकाश केरकेट्टा, स्पेशल टीम प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक विवेक कुमार पाण्डेय, प्रधान आरक्षक सत्यनारायण पाल, आरक्षक दीपक पाण्डेय, हेमंत लकड़ा, अमित विश्वकर्मा, विकास सिंह, संजू चौबे, राहुल सिंह, लालदेव सिंह, अनिल बड़ा, अनिल मरावी, वीरेंद्र खलखो, निरंजन बड़ा, कपिल देव, प्रेम मरावी शामिल रहे।