पुलिस ने सुलझाई अंधे कत्ल की गुत्थी
मनेंद्रगढ़ (एमसीबी) । मनेंद्रगढ़ कोतवाली पुलिस ने विगत दिनों बिहारपुर में हुई एक अंधी कत्ल की गुत्थी सुलझा ली है । मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है । एमसीबी जिले के सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम बिहारपुर में 21-22 जुलाई 2024 की दरमियानी रात सड़क किनारे एक युवक की धारदार हथियार से वार कर हत्या करने के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है । पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर साथ ही पति की हत्या में आरोपी का साथ देने वाली मृतक की पत्नि को भी हिरासत में लिया है । पूरे मामले का खुलासा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वाडेगांवकर ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 जुलाई 2024 को जलपोसपारा बिहारपुर थाना सिटी कोतवाली मनेन्द्रगढ़ का निवासी विजय सिंह आत्मज धनीराम 45 वर्ष ने कोतवाली थाना में सूचना दी कि बिहारपुर मेन रोड के किनारे सरई जंगल के पास किसी अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है । सूचना पर पुलिस तत्काल ग्राम बिहारपुर पहुंची तो देखा कि एक अज्ञात व्यक्ति का शव सड़क किनारे पड़ा है जिसके गर्दन, सिर एवं गाल पर किसी धारदार हथियार से मारने का गहरा निशान है। प्रथम दृष्टया हत्या का मामला प्रतीत होने के कारण तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 249 / 2024 धारा 103 (1) बी.एन.एस. कायम कर विवेचना में लिया गया और अज्ञात शव की पहचान के लिये ईश्तहार जारी किया गया साथ ही सोशल मिडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार किया गया । 25 जुलाई 2024 को उमा गुप्ता पति विरेन्द्र गुप्ता ठनगनपारा, मायापुर अम्बिकापुर अपने भाई और देवर के साथ थाना सिटी कोतवाली मनेन्द्रगढ़ आकर अज्ञात शव की पहचान अपने पति विरेन्द्र कुमार गुप्ता निवासी चरगढ़ थाना राजपुर जिला बलरामपुर हाल मुकाम ठनगनपारा मायापुर अम्बिकापुर के रूप में की। अज्ञात शव की पहचान होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया । पुलिस अधीक्षक एमसीबी चन्द्रमोहन सिंह के निर्देश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वाडेगांवकर के मार्गदर्शन और पुलिस अनुविभागीय अधिकारी ए. टोप्पो के नेतृत्व में विशेष टीम गठित कर प्रकरण की जांच सूक्ष्मता एवं तकनीकी सहायता के माध्यम से की जाने लगी। जांच के दौरान हत्या करने वाले का कनेक्शन अम्बिकापुर से होना पाये जाने पर विशेष टीम रवाना कर अम्बिकापुर से संदेही विश्वनाथ चौधरी निवासी घुटरापारा मायापुर अम्बिकापुर को अपने गिरफ्त में लेकर कड़ाई से पुछताछ की गई । विश्वनाथ चौधरी से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह मृतक विरेन्द्र गुप्ता से पूर्व परिचित था तथा उसके घर आना जाना लगे रहता था। विरेन्द्र गुप्ता वर्ष 2022 मे जेल में बंद था। इस बीच मैं तथा मृतक की पत्नी उमा गुप्ता हम दोनों आपसी सहमति से बिना किसी को बताये मंदिर में शादी कर लिये थे। उमा गुप्ता मुझको हमेशा बोलती थी कि इसका पति विरेन्द्र कुमार गुप्ता मारपीट करता है और
अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती हूँ। इसे जल्द से जल्द रास्ते से हटाओ। मेरे तथा उमा गुप्ता के द्वारा विरेन्द्र
कुमार गुप्ता को जान से मारने के लिये सही समय का इंतजार किया जा रहा था। 21 जुलाई 2024 को विरेन्द्र कुमार गुप्ता मेरे को बोला कि किसी काम से जनकपुर जाना है। तुम अपनी कार लेकर चलो तो मैं जनकपुर जाने के लिये तैयार हो गया। उसी बीच उमा गुप्ता के द्वारा फोन कर बोला गया कि आज अच्छा मौका है। आज इसका काम तमाम कर देना तो मैं अपने घर से फरसा निकाल कर अपने गाडी में रख लिया तथा कुछ देर बाद हम दोनों अम्बिकापुर से लगभग 02 से 03 बजे दोपहर को जनकपुर के लिये निकले। जनकपुर से वापसी के दौरान मैं विरेन्द्र गुप्ता को अपनी गाडी में शराब पिलाते आ रहा था। बिहारपुर के जंगल में विरेन्द्र कुमार गुप्ता पेशाब करने के लिये गाडी रूकवाया और रोड किनारे पेशाब करने लगा। इसी बीच मौका देखकर मैं अपनी गाडी में रखे फरसा से विरेन्द्र कुमार गुप्ता के गर्दन, सिर, एवं गाल पर जोरदार प्रहार किया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई और मैं अपनी गाडी लेकर वहा से भाग गया। कुछ देर बाद उमा गुप्ता को फोन कर बताया कि काम हो गया है । पुलिस ने आरोपी विश्वनाथ चौधरी पिता स्व. रामलखन चौधरी 43 वर्ष निवासी ग्राम शिवपुर थाना राजपुर जिला- बलरामपुर रामानुजगंज हाल मुकाम घुटरापारा मायापुर अम्बिकापुर जिला सरगुजा (छ.ग. ) व उमा गुप्ता पति स्व. विरेन्द्र कुमार गुप्ता 34 वर्ष निवासी ठनगनपारा मायापुर अम्बिकापुर जिला सरगुजा (छ.ग.) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है । पूरे मामले को सुलझाने में निरीक्षक अमित कश्यप, उप निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह, सउनि अभिषेक पाण्डेय, राकेश शर्मा, नईम खान, प्रधान आरक्षक इश्तियाक खान, पुष्कल सिन्हा, प्रिंस राय, राकेश शर्मा, आरक्षक जितेन्द्र ठाकुर, भूपेन्द्र यादव, राकेश तिवारी, सुमित भारती, रोशन उके, प्रदीप लकड़ा, महिला आरक्षक इशिता श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।