भटगांव। भारतीय मजदूर संघ ने बीते दिवस एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के मैत्री भवन में स्थापना दिवस मनाया। क्षेत्रीय कार्यालय जरही में ध्वजारोहण किया गया। उपस्थित वक्ताओं ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय श्रमिक संगठन है। इसकी स्थापना 23 जुलाई 1955 को हुई। भारत के अन्य श्रम संगठनों की तरह यह किसी संगठन के विभाजन के कारण नहीं बना, वरन एक विचारधारा के लोगों का सम्मिलित प्रयास का परिणाम था। यह देश का पहला मजदूर संगठन है, जो किसी राजनैतिक दल की श्रमिक इकाई नहीं, बल्कि मजदूरों का, मजदूरों के लिए, मजदूरों द्वारा संचालित अपने में स्वतंत्र मजदूर संगठन है। स्थापना के पश्चात द्रुत गति से उन्नति करते हुए आज यह देश में सर्वाधिक सदस्य संख्या वाला मजदूर संगठन है।
भारतीय मजदूर संघ ने अपने स्थापना के 52 वर्ष पूरे होने पर एक करोड़ से अधिक सदस्यता तथा पांच हजार से अधिक यूनियनों के साथ देश का पहले नंबर का केन्द्रीय श्रमिक संगठन बना। संघ का कार्य भारत के 32 राज्यों तथा 44 उद्योगों में है। यह 1989 की सदस्यता सत्यापन के आधार पर पहली बार 1996 में देश का नंबर एक मजदूर संगठन घोषित हुआ। वर्ष 2002 की सदस्यता सत्यापन के अंतरिम परिणाम की घोषणा के अनुसार भारतीय मजदूर संघ 62 लाख से भी अधिक संख्या के साथ अब भी देश का सबसे अधिक सदस्यों वाला मजदूर संगठन है। भारतीय मजदूर संघ की स्थापना से पहले मजदूर संगठन राजनीतिक पार्टियों से संबंधित थे और पार्टी के मजदूर संगठन के रूप में कार्य करते थे। प्रारंभ में अन्य मजदूर संगठनों का विरोध तथा व्यंग्य भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं को सहना पड़ता था, लेकिन भारतीय मजदूर संघ ने एक गैर राजनीतिक श्रमिक संगठन के रूप में अपना कार्य प्रारंभ किया और आज भी उसी सिद्धांत पर कायम है। इस दौरान अमरदीप देवांगन, विभाग कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, जिला सूरजपुर मुख्य वक्ता ने खीर पूड़ी प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कोल उद्योग से संजय सिंह कंपनी सुरक्षा समिति सदस्य एसईसीएल, आंगनबाड़ी से चंदा राजवाड़े, जिला सूरजपुर बीएमएस के अध्यक्ष/जिलामंत्री, अमर सिंह, सालिक राम, दिनेश पांडेय खंड संघ चालक, रा.स्वयं सेवक संघ जरही, दिलीप मंडल क्षेत्रीय संचालन समिति सदस्य, मुकेश खंड व्यवस्था प्रमुख, जगन्नाथ शर्मा, संतोष तिवारी, अविनाश प्रधान ढोबले, आशीष श्रीवास्तव, जितेंद्र पांडेय समेत सैकड़ों महिला व पुरुष उपस्थित रहे।

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