अधिकारियों की समझाइश पर दोपहर में शुरू हुआ कार्य
बिश्रामपुर। गांव के रिहायशी इलाके की मार्ग पर महान थ्री खदान से करंजी साइडिंग तक होने वाले कोल परिवहन कार्य को आज ग्रामीणों द्वारा करीब पांच घंटे तक वाहनों को खड़ा कराकर प्रभावित कर दिया गया। नायब तहसीलदार सुरजपुर व करंजी चौकी प्रभारी के आश्वासन उपरांत ग्रामीणों ने कोल परिवहन कार्य को दोपहर में बहाल करा दिया। गौरतलब है कि महान थ्री खदान से करंजी रेलवे साइडिंग तक होने वाले कोल परिवहन कार्य ग्राम पंचायत झूमरपारा से गुजरते हुए किया जाता है। यहां पर ग्रामीणों का कहना है कि रिहायशी इलाके की मार्ग से कोल परिवहन होने से स्कूली बच्चों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि करंजी साईडिग तक भारी कोल परिवहन होने से झूमरपारा के बच्चे स्कूल के लिए सूबह 7 बजे एवं 11 बजे स्कूल जाते हैं, जिसमें वाहन चालकों द्वारा यहां काफी स्पीड से गाड़ी चलाया जाता है, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। साथ ही झूमरपारा से करंजी रेल्वे स्टेशन तक 8 से 10 गांव के लोगों का ट्रेन टाईम पर आना जाना होता है, जिससे ट्रक चालकों द्वारा वाहनों को कहीं भी खड़ा कर दिया जाता है, जिससे राहगीरों को काफी दिक्कत होती है।हनुमान मंदिर नवापारा से करंजी रेल्वे स्टेशन साईडिंग तक सिंगल रोड है एवं रोड पर बना तीनों पुल जर्जर हो चुका है, जो कभी भी टूट सकता है, ऐसी स्थिति में भारी भरकम वाहनों से कोल परिवहन होने के कारण यहां पर हमेशा किसी अप्रिय घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उक्त मार्ग पर कोल परिवहन कार्य में लगे वाहनों की चपेट में आने से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। हनुमान मंदिर से करंजी साईडिग तक पूरा मार्ग काफी जर्जर हो चुका है, जिससे बरसात में रोड की स्थिति और भी खराब हो गई है। इन्हीं कारणों से नाराज ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंप विरोध प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी गई थी। इसी तारतम्य में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत झूमरपारा में ग्रामीणों द्वारा शनिवार की सुबह महान थ्री खदान से करंजी साइडिंग तक कोल परिवहन कार्य में लगे वाहनों को सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक बाधित कर दिया गया था। ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किए जाने की सूचना मिलते ही सुरजपुर नायब तहसीलदार मो.इसराइल व करंजी चौकी प्रभारी अरुण गुप्ता तत्काल दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाइश देते हुए आंदोलन को समाप्त कराकर कोल परिवहन कार्य को बहाल कराया गया।

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