भटगांव। सूरजपुर जिले के चेन्द्रा पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम बिसाही पोड़ी में ग्रामीणों से भरी पिकअप वाहन रात करीब 10 बजे तेज रफ्तार में नाले के पास पलट गई। पिकअप सवार करीब 25 ग्रामीण शादी के बाद आयोजित होने वाले चौथी भोज में शामिल होकर वापस भटगांव लौट रहे थे। हादसे में महिला बच्चों सहित 11 सवार गंभीर रूप से घायल हो गए। भटगांव अस्पताल में 2 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई। 3 घायलों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक, सूरजपुर के लटोरी पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम भंडारपारा निवासी तलिंदर राजवाड़े की बेटी की शादी 5 दिनों पूर्व ओड़गी ब्लॉक के बिलासपुर निवासी युवक के साथ हुई थी। शादी के बाद चौथी भोज का आयोजन मंगलवार को किया गया था, इसमें शामिल होने के लिए भंडारपारा के महिला-पुरूष व बच्चों सहित कुल 25 ग्रामीण पिकअप वाहन क्रमांक सीजी 29 एसी 6154 में सवार होकर बिलासपुर गए थे। भोज के बाद सभी पिकअप में सवार होकर वापस लौट रहे थे। चालक तेज रफ्तार में पिकअप चला रहा था। रात करीब 10 बजे ग्राम बिसाही पोड़ी के पास पिकअप सवार पहुंचे और नकटी नाला के पास मोड़ में पिकअप के चालक का वाहन ो नियंत्रण हट गया और एक पत्थर से टकराकर पिकअप पलटी, फिर खड़ा हो गई। घटना के बाद मौके पर कोहराम की स्थिति बन गई।
दुर्घटना में 12 वर्षीय दिगंबर राजवाड़े और 13 वर्षीय कुन्नू चेरवा समेत कुल 11 लोग घायल हुए थे, इन्हें उपचार के लिए भटगांव स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। उपचार के दौरान दोनों बच्चों की मौत हो गई, वहीं महिला-पुरूष समेत 9 घायलों में 3 को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर कर दिया गया, यहां उनका उपचार जारी है। अंबिकापुर लाए गए घायलों में रामेश्वर 60 वर्ष, गोविंद 50 वर्ष व साहेब 60 वर्ष शामिल हैं, जो लटोरी भंडारपारा निवासी बताए जा रहे हैं।
चेंद्रा चैकी प्रभारी एलपी गुप्ता ने बताया कि जहां हादसा हुआ, वहां नाले के पास मोड़ है। मोड़ में पिकअप का चालक वाहन को नियंत्रित नहीं कर सका और पिकअप पलट गई। घटना के बाद चालक फरार हो गया है, जिसके तलाश में पुलिस लगी है। घायलों ने बताया कि गाड़ी की रफ्तार इतनी तेज थी कि वह पलटने के बाद फिर खड़ी हो गई और एक पत्थर में जाकर अटक गई।
मालवाहकों से सवारी ढोने पर नहीं लग रहा रोक
शादी के सीजन में मालवाहकों में लोगों को ढोने का काम बदस्तूर जारी रहता है। पुलिस की कार्रवाई शिथिल होने के कारण वाहन मालिक व चालक बेखौफ 30-35 लोगों को पिकअप में लादकर फर्राटा भरते नजर आते हैं। आए दिन शहर सीमा में ऐसी गाड़ियां देखने को मिल जाएंगी, जिनमें भेड़-बकरियों की तरह लोगों को लादकर गंतव्य तक लाने-ले जाने का काम किया जाता है। कई बार धार्मिक, राजनैतिक आयोजनों के बीच भीड़ बटोरने के लिए मालवाहकों का उपयोग पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की नजरों के सामने होता है, इसके बाद भी अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं करते हैं।

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