अंबिकापुर। अंधे कत्ल के मामले में थाना कोतवाली एवं विशेष पुलिस टीम ने आरोपी को झारखण्ड से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त ईंट पहने हुए कपड़े को पुलिस जप्त की है। बड़े भाई का विश्वास मृत कर्मचारी पर अधिक होने के कारण वह आवेश में आकर हत्या जैसा कदम उठाया था।
दरिमा थाना क्षेत्र के ग्राम खजुरी निवासी मनोहर यादव ने कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसका छोटा भाई जुगनू ऊर्फ मनबोध यादव 22 वर्ष, करीब 6-7 साल से बीरबल यादव निवासी झंझटपारा के पास रहकर फूल दुकान में काम करता था और रात को बीरबल के फूल गोदाम में सोता था। 11 अप्रैल को सुबह करीब 6 बजे उसका चचेरा भाई गिरिजा प्रसाद को गांव के लोग बताए कि जुगनू कहीं गायब हो गया है। इसके बाद वह अपने चचेरा भाई एवं अन्य लोगों के साथ मोटरसायकल में अंबिकापुर झंझटपारा, नमनाकला पहुंचा। यहां बीरबल घर में था, लेकिन वह उनसे कुछ भी बात नहीं किया। बीरबल के फूल गोदाम में गए तो वहां भी उसका भाई जुगनू नहीं था। कमरे में लगे बेड के ऊपर रखे तकिया एवं पीले रंग का कपड़ा खून से सना था। बिस्तर पर दो छोटा हड्डी व तीन दांत का टुकडा पड़ा हुआ था। कमरे में ही खून से सना हुआ पूरा इंर्ट पड़ा था। घर के दरवाजे सहित दरवाजे के बाहर रास्ते में भी जगह-जगह खून गिरा हुआ था। खून की छींटो को देखते हुए जब वे आगे बढ़े तो दरवाजे से करीब 7-8 मीटर की दूरी पर एक बड़ा नाला में जुगनू का शव पेट के बल पानी में डूबा नजर आया, जिसके पीठ और दोनो पैर का कुछ भाग दिख रहा था। मनोहर यादव ने संजू यादव के द्वारा उसके भाई जुगनू के चेहरे में इंर्ट से प्रहार करके हत्या करने का संदेह जाहिर किया था, जिस पर पुलिस ने धारा 103(1) बी.एन.एस. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था। पुलिस टीम घटनास्थल का निरीक्षण कर मृतक का शव, रूम से मृतक के हड्डी का टुकड़ा, 03 टुटा हुआ दांत एवं घटना के प्रयुक्त ईंट मौके से जप्त की और मृतक के भाई एवं अन्य परिजनों का कथन लेखबद्ध करके संदेही के तलाश में जुटी थी और संदेही संजू उ$र्फ नंदकुमार यादव पिता राम प्रसाद यादव 43 वर्ष को झारखण्ड के चैनपुर से पकड़कर हिरासत मेंं ली। पूछताछ में आरोपी ने हत्या करना स्वीकार किया। कार्रवाई में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष सिंह परिहार उप निरीक्षक सम्पत पोटाई, प्रधान आरक्षक छात्रपाल सिंह, प्रधान आरक्षक शत्रुधन सिंह, आरक्षक विवेक राय, नितिन सिन्हा, मंटूलाल गुप्ता, शिव राजवाड़े, सचिन्द्र सिन्हा, दीपक दास, लाल बाबू सिंह सक्रिय रहे।
तू यहां से भाग जा, नहीं तो मार डालूंगा
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लो ने बताया कि पूछताछ में आरोपी संजू यादव बताया कि घटना दिनांक 10 अप्रैल को वह जुगनू को बोला कि बड़ा भाई बीरबल तुझको ज्यादा मानता है, मुझ पर विश्वास नहीं करता है। पैसा-रुपया का हिसाब-किताब और दुकान का हिसाब-किताब भी तेरे को ही देखने बोलता है। तू यहां से भाग जा, नहीं तो मैं तेरे को मार डालंूगां। हमेशा देखता हूं कि मेरे से ज्यादा तेरे ऊपर वह विश्वास करता है। जुगनू बोला कि मंै काम छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा। इसके बाद आरोपी आवेश में आकर मृतक के सोने के बाद बाहर से ईंट लाकर उसके चेहरे पर वार कर हत्या कर दिया और शव को घसीटते हुए रूम से बाहर निकालकर पास के बड़ा नाली में फेंक दिया। इसके बाद रूम में आकर जुगनू का मोबाइल, पर्स को सिरहाना से निकालकर नाली के पास ले जाकर मोबाइल को कूचा और पर्स तथा पर्स में रखे कागज, आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्रायवरी लाइसेंस को तोड़कर अंधेरा में झाड़ी व नाली के बीच फंेक दिया था। पर्स में रखे 4500 रुपये को निकालकर अपने पास रख लिया, उसके बाद पकड़ाने के डर से गांधी चौक, दुर्गा मंदिर के पास गया और डाल्टेनगंज जाने वाली बस में बैठकर डाल्टेनगंज पहुंच गया। यहां से ऑटो पकड़कर चैनपुर अपने रिश्तेदार के घर चले गया था। चैनपुर में वह बचे पैसे को खर्च कर दिया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया है।

Spread the love