अंबिकापुर। शहर की नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत के द्वारा दिए गए नफरती बयान के विरोध में शनिवार को कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के नेतृत्व में राजीव भवन से कोतवाली तक रैली निकाल एफआइआर दर्ज करने के लिए आवेदन प्रेषित किए। कांग्रेस इस बात से आक्रोशित है कि मंजूषा भगत ने न केवल पूर्ववर्ती आदिवासी महापौर और कांग्रेस के कार्यकाल को अशुद्ध कहा, साथ ही उन्होंने मां महामाया की नगरी अंबिकापुर के भी अशुद्ध होने की बात कहकर पूरे अंबिकापुर शहर और यहां के नागरिकों का अपमान किया है। मंजूषा भगत का बयान सार्वजनिक होने के उपरांत ही कांग्रेस के द्वारा उनसे सार्वजनिक माफी मांगने कहा गया था। ऐसा नहीं होने पर कांग्रेस ने रैली निकालकर कोतवाली अंबिकापुर को इस मामले में एफआइआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है।
कांग्रेस का मानना है कि मंजूषा भगत का बयान कहीं न कहीं भाजपा की आदिवासियों के प्रति हीन भावना को प्रदर्शित करता है। यह बयान संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जो जातिगत और धार्मिक अस्पृश्यता का निषेध करता है। एक जनप्रतिनिधि के लिए यह आचरण अशोभनीय है। थाना कोतवाली ने कांग्रेस की ओर से दिए गए आवेदन की पावती में लिखित में आश्वासन दिया है कि वो जांच उपरांत कारवाई करेगी। आवेदन के साथ कांग्रेस ने मंजूषा भगत के बयान का इलेक्ट्रिॉनिक रिकार्ड भी दिया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा है कि नियत समय में अगर पुलिस कारवाई नहीं करती है तो उनके द्वारा न्यायालय में परिवार दाखिल किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि अपने बयान से मंजूषा भगत ने सनातन धर्म की परंपरा और पवित्र गंगाजल का भी अपमान किया है। सनातन परंपरा के अनुसार पवित्र गंगाजल सात्विक और धार्मिक उपयोग हेतु है। हाल ही में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने शिवसागर बांध में छठ घाट के निर्माण के लिए कुंभ से लाए गए गंगाजल का उपयोग किया। यदि नवनिर्वाचित महापौर यह बोलती कि वे अम्बिकापुर की जनता की सेवा के लिए पवित्र गंगाजल से स्वयं शुद्ध होकर एवं कार्यक्षेत्र को शुद्ध कर काम प्रारंभ करेंगी, तो यह कतई आपत्तिजनक नहीं होता। बल्कि हम सब पक्ष-विपक्ष की राजनीति से उपर उठकर इसका स्वागत करते, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कहा है कि निगम आयुक्त को यह सख्त निर्देश दिया है कि पुराने कुर्सी-टेबल को हटाएं और नई व्यवस्था बनाएं, क्योंकि वे अंबिकापुर में पहली हिंदु महापौर हैं। वे कार्यस्थल का गंगाजल से शुद्धिकरण करेंगी, दुर्भावना से पवित्र गंगाजल के उपयोग की बात करना पवित्र गंगा जल का भी अपमान है। औषधीय और पादप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि मंजूषा भगत पूरे शहर को अशुद्ध बता रही हैं, जो कि महामाया की नगरी में रहने वाले उन सभी मतदाताओं का अपमान है, जिन्होंने उन्हें महापौर के रुप में चुना है। चाहे मंजूषा भगत हो या इनसे पूर्व के दोनों महापौर, इन सभी को चुनते हुए शहर के नागरिकों ने उनका धर्म नहीं देखा था। शहर के नागरिक उनसे शहर के विकास का एजेंडा सुनना चाहते हैं न कि उनके द्वेषपूर्ण बयान।
आज शपथ में शामिल नहीं होंगे कांग्रेस के पार्षद-शफी अहमद
फोटो-शफी अहमद
नगर निगम में विपक्ष के नेता शफी अहमद ने कहा है कि 2 मार्च को नगर निगम के कांग्रेस से नवनिर्वाचित पार्षद, महापौर के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने अनुरोध किया था कि नवनिर्वाचित महापौर अपने द्वेषपूर्ण और नफरती बयान के लिए सार्वजनिक मांफी मांगें, लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा नहीं किया है, इसलिये शपथ ग्रहण समारोह में सहभागिता का प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा है कि वे कलेक्टर से वे मांग करेंगे कि कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षदों के लिए पृथक से शपथ लेने की व्यवस्था करें। कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षद शपथ ग्रहण समारोह से अलग कलेक्टर के कक्ष अथवा निगम परिसर में शपथ लेने के लिए तत्पर और तैयार हैं।

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