स्कूलों के 4500 बच्चों की जांच में 177 बच्चे माइक्रोफाइलेरिया से संक्रमित मिले
अंबिकापुर। भारत में फाइलेरिया का प्रकोप 20 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के 339 जिले में है। देश में 90 प्रतिशत फाइलेरिया का भार मुख्यत: 8 राज्यों में है, जिसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। दीर्घकालीन विकलांगता में यह बीमारी विश्व में दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य में 22 जिले हाथीपांव बीमारी से प्रभावित हैं। सरगुजा संभाग में जिलेवार फाइलेरिया की स्थिति सरगुजा में 66, सूरजपुर 46, जशपुर 225, कोरिया 9 तथा एमसीबी में 18 प्रकरण हैं। जिले के हॉथीपांव के मरीजों का एममडीपी (रूग्णता प्रबंधन एवं रोगोपचार) किट देकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे मरीजों का राहत मिल सके एवं हाइड्रोसील मरीजों का नि:शुल्क ऑपरेशन किया जा रहा है।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल एवं जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी का कोई कारगर इलाज नहीं है। फाइलेरिया से बचाव हेतु एमडीए के तहत् ट्रिपल ड्रग थेरेपी की दवाइयों एल्वेंडाजोल, डी.ई.सी. आईवरमेक्टीन का सेवन करना जरूरी है। ट्रान्समिशन असेसमेंट सर्वे के तहत स्कूलों के लगभग 4500 बच्चों का जांच किया गया, जिसमें 177 बच्चे माइक्रोफाइलेरिया से संक्रमित पाए गए। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एमडीए कार्नर में 27 फरवरी 2025 से 13 मार्च 2025 तक दवा सेवन कराया जाएगा। सामूहिक दवा सेवन गतिविधि के दौरान सभी योग्य व्यक्तियों को डीओटी पद्धति के अनुरूप दवा सेवन कराया जाएगा तथा एमडीए एवं एनडीडी के दौरान आइवरमेक्टिन डीईसी एवं एल्वेंडाजोल की दवाइयां खिलाई जाएगी। इस दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। 02 से 05 वर्ष के बच्चों को केवल डीईसी एवं एल्वेंडाजोल की दवा दी जानी है। आइवरमेक्टिन दवा हेतु आयु 05 वर्ष से ऊपर एवं हाइट 90 से.मी. होना अनिवार्य है। स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले सप्ताह के भीतर आइवरमेक्टिन की दवा नहीं दी जानी है। दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को दवा नहीं दिया जाना है।
सामुहिक दवा सेवन एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम 27 फरवरी से 13 मार्च तक
राष्ट्रीय वेक्ट्रर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत फाइलेरिया (हॉथीपांव) संक्रमण से बचाव हेतु जिले में 27 फरवरी से 13 मार्च तक फाइलेरिया रोधी दवा पूरे योग्य जनसमूह को खिलाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी.एस. मार्को ने बताया कि 27 फरवरी से 02 मार्च तक स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी केन्द्र तथा स्वास्थ्य केन्द्रों में बूथ लगाकर एवं 03 मार्च से 10 मार्च तक घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी। छूटे हुए योग्य व्यक्तियों को 11 मार्च से 13 मार्च तक पुन: दवा का सेवन कराया जाएगा। जन समूहों को दवा खिलाने हेतु जिले में कुल 1932 दल कार्यरत रहेंगे, इनकी निगरानी हेतु 345 सुपरवाइजर चयनित किए गए हैं।
एल्बेंडाजोल, डीईसी, आइवरमेक्टिन का कराया जाएगा सेवन
इस कार्यक्रम के तहत एक व्यक्ति को 3 दवाई एल्बेंडाजोल, डी.ई.सी., आइवरमेक्टीन का सेवन कराया जाएगा। इन दवाओं के सेवन से शरीर को किसी प्रकार की क्षति नहीं होती, यदि किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव हो तो परजीवी के मरने के कारण होता है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यदि किसी को किसी प्रकार की समस्या दवा सेवन पश्चात हो तो 108 एवं जिला स्तरीय कंट्रोल टीम से 92383 60399 में तथा रैपिड रिस्पॉस टीम से संपर्क कर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों से उचित परामर्श एवं स्वास्थ्यगत सेवाएंं ले सकते हंै।
बाक्स
फैक्ट फाइल
जिला पीड़ित
सरगुजा 66
सूरजपुर 46
जशपुर 225
कोरिया 09
एमसीबी 18
