धारा 307 जोड़ने व आरोपियों के गिरफ्तारी की कीमत तय की 30 हजार
सूरजपुर। जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एसीबी ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एएसआइ व उसके दलाल को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। एंटी करप्शन ब्यूरो के मुताबिक रामानुजनगर ब्लॉक के ग्राम सुरता के शिवमंगल सिंह की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। बताया गया है कि रामानुजनगर थाने में शिवमंगल सिंह के भाई को टंगिया से सिर पर मारने एवं गंभीर चोट आने की घटना पर अपराध कमांक 93/2024 धारा 294, 506, 323, 34 भादवि के तहत दर्ज किया गया था। अपराध की विवेचना सहायक उप निरीक्षक माधव सिंह द्वारा किया जा रहा है। उपरोक्त अपराध में धारा 307 जोड़ने, आरोपियों को गिरफ्तार करने एवं चालान करने के लिये जांचकर्ता अधिकारी सहायक उप निरीक्षक माधव सिंह द्वारा 30 हजार रुपये रिश्वत की मांग प्रार्थी से की जा रही थी। प्रार्थी रिश्वत नहीं देता चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर में दर्ज कराई गई थी। शिकायत सत्यापन पर सही पाए जाने की स्थिति मेें ट्रेप आयोजित कर बुधवार को आरोपी सहायक उप निरीक्षक माधव सिंह, थाना रामानुजनगर एवं उसके सहयोगी मोहमुद्दीन, जिसके माध्यम से 10 हजारे रुपये रिश्वत की राशि ली गई, दोनों को रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा-7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है। जिले में भ्रष्टाचार अमर बेल की तरह पनप रहा है। राजस्व व पुलिस महकमे में तो ये आम बात हो गई है, जिस पर किसी का कोई अंकुश नहीं है। राजस्व विभाग में तो हालत ऐसे हैं कि नामांतरण, बंटवारा, फौती, सीमांकन से लेकर तमाम कार्यों के रेट तय हंै। बिना पैसों के यहां कोई काम होना नहीं है। बड़े साहब से लेकर चपरासी तक को चढ़ोत्तरी देनी पड़ती है, यही हाल थाने का है। थाने में पहुंचे नहीं कि प्रार्थी को ग्राहक की नजर से देखा जाने लगता है। इन सबसे आम आदमी इस कदर परेशान है कि उसकी कोई सीमा नहीं है। सरकार चाहे किसी की हो, इस तंत्र पर अंकुश के लिए उसके पास कोई चारा नही है।

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